कांग्रेस का PM मोदी पर पलटवार, कहा- सबसे बड़ा ड्रामेबाज़ तो ड्रामे की बात कर रहा…

Parliament Winter Session Live: पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष से संसद की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने देने की अपील की। इस दौरान उन्होंने तंज़ कसते हुए यह भी कहा कि जो कोई भी ड्रामा करना चाहता है, कर सकता है। यहां ड्रामा नहीं, बल्कि डिलीवरी होनी चाहिए…ज़ोर पॉलिसी पर होना चाहिए, नारों पर नहीं।” इस बयान पर कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता जयराम रमेश ने पलटवार किया है।

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कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में लिखा, “PM कभी पार्लियामेंट नहीं जाते और उसे कमज़ोर करते हैं। वे कभी अपोज़िशन से बात नहीं करते। फिर भी हर सेशन से पहले वे पार्लियामेंट बिल्डिंग के बाहर खड़े होकर देश से बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और अपोज़िशन से कंस्ट्रक्टिव कोऑपरेशन मांगते हैं ताकि लोकसभा और राज्यसभा ठीक से चले। अगर पार्लियामेंट ठीक से नहीं चलती है तो इसकी पूरी गलती PM की है और वे अपोज़िशन को ज़रूरी पब्लिक इंपॉर्टेंस के मुद्दे उठाने की इजाज़त नहीं देते। वे हमेशा अपनी बात मनवाना चाहते हैं और अपोज़िशन को कम से कम अपनी बात कहने का मौका भी नहीं देते। पार्लियामेंट शुरू होने से पहले PM का बयान सिर्फ़ दिखावा है। सबसे बड़ा ड्रामेबाज़ तो ड्रामे की बात कर रहा है।”

इससे पहले पीएम मोदी सोमवार को संसद परिसर में पत्रकारों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि विंटर सेशन को हार की निराशा का मैदान नहीं बनना चाहिए, न ही इसे जीत पर घमंड दिखाने का ज़रिया बनना चाहिए। हमें बैलेंस बनाए रखना चाहिए। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “ये सत्र, संसद देश के लिए क्या सोच रही है, संसद देश के लिए क्या करना चाहती है, संसद देश के लिए क्या करने वाली है, इन मुद्दों पर केंद्रित होनी चाहिए। विपक्ष भी अपना दायित्व निभाए, चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाए।”

पीएम ने कहा, “पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आएं। दुर्भाग्य ये है कि 1-2 दल तो ऐसे हैं कि वो पराजय भी नहीं पचा पाते। मैं सोच रहा था कि बिहार के नतीजों को इतना समय हो गया, तो अब थोड़ा संभल गए होंगे। लेकिन, कल जो मैं उनकी बयानबाजी सुन रहा था, उससे लगता है कि पराजय ने उनको परेशान करके रखा है।” उन्होंने कहा, “जो कोई भी ड्रामा करना चाहता है, कर सकता है। यहां ड्रामा नहीं, बल्कि डिलीवरी होनी चाहिए…ज़ोर पॉलिसी पर होना चाहिए, नारों पर नहीं।”

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