ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक वीडियो जारी किया है. इसमें पश्चिम बंगाल के मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी के बयान पर अध्यक्ष रजवी ने एतराज जताते हुए नसीहत भी दी है. उन्होंने सिद्दीकुल्ला जैसे नेताओं पर माहौल को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया है.
रजवी ने कहा, “मुसलमानों का मानना है कि बाबरी मस्जिद 400 साल पुरानी तारीखी मस्जिद थी. मगर उसपर राम जन्मभूमि का दावा, फिर उसपर कोर्ट की प्रक्रिया, सुनवाई, पक्ष-विपक्ष की दलीलें और आखिर में सुप्रीम कोर्ट का फैसला. फैसला राम जन्मभूमि के हक में आया. बाबरी मस्जिद के खिलाफ में आया. बाबरी मस्जिद बनाने की जमीन 5 एकड़ अयोध्या में दे दी गई. वो मस्जिद का निर्माण अभी शुरू नहीं हो सका है. जबकि राम मंदिर बनकर तैयार हो गया.”
#WATCH | Bareilly (UP): On West Bengal Minister Siddiqullah Chowdhury’s statement, President of All India Muslim Jamaat, Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi, says, “…After years of legal battle, the Supreme Court delivered its decision in favour of the Ram Mandir, while also… pic.twitter.com/iJ7aSxe5G0
— ANI (@ANI) November 30, 2025
उन्होंने कहा, “तृणमूल कांग्रेस के नेता सिद्दीकुल्ला चौधरी साहब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल कर रहे हैं. उस समय तो उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आएगा, उसका सम्मान करेंगे. पूरी कौम, मुस्लिम नेताओं ने कोर्ट को फैसले का सम्मान करने की बात कही थी और किया था. अब इतने साल बाद सिद्दीकुल्ला साहब और मदनी साहब क्यों फैसले पर एतराज कर रहे हैं. चाहे वो तृणमूल के हुमायूं कबीर हों, जो बाबरी के नाम पर एक मस्जिद बनाना चाहते हैं. अब ये सभी इन मुद्दों को उछालकर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ना चाहते हैं. उसी तरफ बढ़ रहे हैं.”
AIMJ के अध्यक्ष बोले- देश को सांप्रदायिक दंगों में धकेलने की कोशिश
उन्होंने कहा, “ये लोगों की मंशा शायद ऐसी है कि सांप्रदायिक दंगों में देश को फिर धकेला जाए. इसका मतलब है कि आप विकास की लड़ाई में आगे नहीं जाना चाहते, सिर्फ जनता को हिंदू मुस्लिम की लड़ाई में बांट देना चाहते हैं.”
सिद्दीकुल्ला चौधरी ने क्या कहा था?
तृणमूल कांग्रेस के नेता सिद्दीकुल्ला ने बाबरी मस्जिद और एसआईआर को लेकर शनिवार को सवाल उठाए थे. इसमें उन्होंने बाबरी मस्जिद को लेकर कहा था कि जबरदस्ती मस्जिद को तोड़कर मंदिर बनाया गया. उन्होंने कहा कि न कोर्ट में किसी तरह की दलील दी गई, न सबूत रखे. सिर्फ आस्था के आधार पर मस्जिद की जगह को मंदिर मान लिया गया.
मदनी ने क्या कहा था?
मौलाना महमूद मदनी ने भी वंदे मातरम को लेकर विवादित बयान शनिवार को दिया था. इसमें उन्होंने मुर्दा कौम कहकर निशाना साधा था. इसके अलावा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भी टिप्पणी की थी कि कोर्ट कई मामलों में खामोश रह गई. साथ ही भड़काऊ बयान दिया था कि जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा.
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