Russia Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिया है कि यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका की ओर से प्रस्तुत प्रस्ताव आगे की बातचीत के लिए आधार बन सकता है. उन्होंने कहा कि मॉस्को इस प्रस्ताव पर चर्चा करने को तैयार है, लेकिन साथ ही यह चेतावनी भी दी कि यदि यूक्रेनी सेना उन क्षेत्रों से पीछे नहीं हटती जिन पर रूस दावा करता है, तो रूसी सेना जबरदस्ती नियंत्रण बढ़ाएगी. किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में बोलते हुए पुतिन ने पुष्टि की कि अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह वार्ता के लिए रूस पहुंचेगा. उनके अनुसार, रूस गंभीर और वास्तविक संवाद चाहता है.
US प्लान यूक्रेन में शांति के लिए आधार बन सकता है- पुतिन
पुतिन ने कहा कि US प्लान यूक्रेन में शांति के लिए ‘आधार बन सकता है’, और चेतावनी दी कि अगर कीव पीछे नहीं हटा तो जबरदस्ती जमीन पर कब्ज़ा कर लिया जाएगा. पुतिन ने जोर देकर कहा कि संघर्ष को समाप्त करने की शर्त स्पष्ट है कि यूक्रेन को लुहांस्क, डोनेट्स्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया के उन इलाकों से पूरी तरह हटना होगा. जिन्हें रूस पहले ही अपना घोषित कर चुका है. वर्तमान में रूस यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य भूमि के लगभग 20 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा बनाए हुए है, लेकिन इन चारों क्षेत्रों पर पूर्ण नियंत्रण अभी भी उसके पास नहीं है. मॉस्को का कहना है कि किसी स्थायी समझौते के लिए इन क्षेत्रों का पूर्ण हस्तांतरण आवश्यक है. यह रूसी रुख यूक्रेन और पश्चिमी देशों के लिए स्वीकार करना बेहद कठिन माना जा रहा है.
मोर्चे पर लड़ाई अभी भी जारी
रूस की सैन्य प्रगति हाल ही में विशेष रूप से पोक्रोव्स्क क्षेत्र के पास तेज हुई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि मोर्चे पर लड़ाई अभी भी जारी है. हालांकि, अमेरिकी संस्था इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर के विश्लेषकों का मानना है कि रूस डोनेट्स्क पर तेजी से कब्जा करने या निर्णायक जीत हासिल करने की स्थिति में नहीं है. विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की हालिया बढ़त सामरिक स्तर पर महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन यह युद्ध के व्यापक परिणामों को अभी निर्धारित नहीं करती. इस बीच, पुतिन द्वारा रखी गई कठोर शर्तें वार्ता को जटिल बनाती हैं और संघर्ष समाप्त होने की संभावनाओं को अनिश्चित रखती हैं.
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