नई दिल्ली। असम में मशहूर गायक जुबिन गर्ग की मौत अभी भी एक बड़ी पहेली बनी हुई है। विधानसभा में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दावा किया कि जुबिन की हत्या की गई थी और जिन्होंने यह किया है, वे कानून से बच नहीं पाएंगे। शुरुआत में सिंगापुर प्रशासन ने इसे एक सामान्य हादसा बताया था और आधिकारिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण पानी में डूबना बताया गया था, लेकिन अब असम सरकार ने इसे हत्या मानते हुए जांच शुरू कर दी है।
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असम विधानसभा में बोलते हुए हिमंता सरमा ने कहा कि शुरुआती जांच के बाद, असम पुलिस को यकीन था कि यह गैर-इरादतन हत्या का मामला नहीं था, बल्कि यह एक सीधी-सादी हत्या थी। सीएम सरमा ने दावा किया कि आरोपियों में से एक ने गर्ग की हत्या की, और दूसरों ने उसकी मदद की। हत्या के मामले में चार से पांच लोगों पर मामला दर्ज किया जा रहा है। सीएम सरमा ने कहा कि असम में विपक्ष के बेहूदा बयानों को सुनकर ऐसा लगता है कि अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के चक्कर में ये लोग ज़ुबिन गर्ग के हत्यारों की ही वकालत कर रहे हैं. इनकी निगाहें कहीं और हैं और निशाने कहीं और।
असम और पूर्वोत्तर भारत की आवाज माने जाने वाले मशहूर गायक जुबिन गर्ग की मौत एक गंभीर रहस्य बनी हुई है। जुबिन गर्ग का निधन 19 सितंबर को सिंगापुर में हुआ था।
जानकारी के अनुसार, जुबिन गर्ग नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में हिस्सा लेने और परफॉर्म करने सिंगापुर गए थे। घटना के दिन वह सेंट जॉन आइलैंड के पास एक यॉट पर मौजूद थे और तैरने के लिए पानी में उतरे। बताया गया कि उन्होंने लाइफ जैकेट नहीं पहनी थी और सांस लेने में दिक्कत के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
जुबिन गर्ग की मौत के बाद समर्थकों ने उठाए कई सवाल
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जुबिन गर्ग की मौत के बाद परिवार, प्रशंसकों और कुछ राजनीतिक नेताओं ने सवाल उठाए. इसी दबाव के बाद असम सरकार ने एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) और एक सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाया। भारत सरकार ने भी सिंगापुर से जांच में मदद के लिए MLAT प्रक्रिया शुरू की है।
जुबिन गर्ग की मौत को लेकर कई खुलासे
जांच में अब तक कई अहम खुलासे हुए हैं। पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें फेस्टिवल आयोजक श्यामकानू महांता, मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, कुछ बैंड सदस्य, जुबिन के कजिन और सुरक्षा कर्मी शामिल हैं। सुरक्षाकर्मियों के बैंक खातों में 1.1 करोड़ रुपये से ज्यादा की संदिग्ध रकम मिलने के बाद अब वित्तीय एजेंसियां भी जांच में शामिल हो गई हैं।
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