Uttar Pradesh: Two-wheeler Market Is Touching New Heights

लखनऊ : प्रदेश सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों के तेजी से विस्तार ने राज्य के ऑटोमोबाइल सेक्टर, विशेष रूप से टू-व्हीलर बाजार (Two-wheeler Market) को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। प्रदेश के मध्यम वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही क्रय शक्ति, स्थानीय उद्यमिता में वृद्धि और मजबूत बुनियादी ढांचा विकास ने टू-व्हीलर बाजार को व्यापक आधार दिया है।

राज्य सरकार की निवेशक हितैषी नीतियों, रोजगार सृजन के अवसरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती आय के परिणामस्वरूप खरीदारों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। उद्योग जगत की हालिया रिपोर्टों के अनुसार उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा टू-व्हीलर बाजार (Two-wheeler Market) बनकर उभरा है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश में लगभग 46 लाख नए टू-व्हीलरों का पंजीकरण हुआ, जो देश के कुल निजी टू-व्हीलर बाजार का लगभग 14 से 15 प्रतिशत हिस्सा है।

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आय के विस्तार ने इस वृद्धि में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ग्रामीण पर्यटन, छोटे उद्योगों के प्रसार, स्वयं सहायता समूहों के बढ़ते प्रभाव तथा सतत रोजगार कार्यक्रमों ने लोगों की आय बढ़ाई है। इसके परिणामस्वरूप गांवों में ऐसे परिवारों की संख्या बढ़ी है जो पहले केवल उपयोगिता आधारित वाहन खरीदते थे । जबकि आज वे बेहतर माइलेज और कम रखरखाव वाले टू-व्हीलरों को प्राथमिकता दे रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक ग्रामीण क्षेत्रों में टू-व्हीलर खरीद की वृद्धि दर 17 प्रतिशत वार्षिक तक दर्ज की गई है।

राज्य की युवा आबादी भी इस वृद्धि का मुख्य आधार बनी है। रोजगार और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विस्तार ने युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया है। शहरी और अर्धशहरी क्षेत्रों में कामकाजी युवाओं के लिए टू-व्हीलर एक सुविधाजनक और किफायती विकल्प के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। अध्ययन बताते हैं कि प्रदेश में पहली बार वाहन खरीदने वालों में से लगभग 60 प्रतिशत युवा वर्ग है।

बेहतर सड़क नेटवर्क और कनेक्टिविटी ने भी बाजार को बल दिया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राज्य राजमार्ग के साथ उत्तर प्रदेश में बढ़ती रोड कनेक्टिविटी मैं भी इसके बिक्री में अपना अहम योगदान दिया है। इससे दूरस्थ गांवों और कस्बों में भी टू-व्हीलर उपयोगिता बढ़ी है। इसके साथ ही राज्य में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की मांग में भी वृद्धि हो रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश में लगभग 1.5 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बेचे गए, जो देश में सर्वाधिक है।

व्यापार अनुकूल नीतियां, स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन और निवेश आकर्षित करने वाली योजनाएं प्रदेश को एक मजबूत औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित कर रही हैं। उत्तर प्रदेश में बढ़ती क्रय शक्ति और तेजी से विकसित हो रहे परिवहन तंत्र के चलते टू-व्हीलर बाजार (Two-wheeler Market) आने वाले वर्षों में भी निरंतर विस्तार की दिशा में अग्रसर रहेगा।

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