‘देश से गद्दारी नहीं कर सकता’, ट्रंप की यूक्रेन शांति योजना और 5 दिन के अल्टीमेटम का जेलेंस्की ने दिया जवाब

Zelensky Responds to Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को शांति योजना स्वीकार करने के लिए 5 दिन का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि वे हो रहा खून खराबा रोकना चाहते हैं, इसलिए 27 नवंबर तक यूक्रेन बताए कि उसे शांति योजना स्वीकार है या नहीं. वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने जेलेंस्की को सीधी चेतावनी दी कि अगर शांति योजना स्वीकार नहीं कि तो यूक्रेन को दिया समर्थन अमेरिका वापस ले लेगा. यूक्रेन को हथियार और खुफिया सूचनाएं देने पर रोक लगा देगा.

शांति योजना को यूक्रेन के हितों के खिलाफ बताया

वहीं इस अल्टीमेटम पर जेलेंस्की का बयान, प्रतिक्रिया और जवाब भी आ गया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे धर्मसंकट में फंस गए हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की शांति योजना यूक्रेन के लोगों के हित में नहीं है, इसलिए वे इसे रिजेक्ट करते हैं. उन्होंने कहा कि वे अपने देश के साथ गद्दारी नहीं कर सकते. अपनी गरिमा, आजादी खोने और अमेरिका का समर्थन खोने के बीच में से एक विकल्प चुनना है तो हम गरिमा चुनते हैं. मैंने यूक्रेन के साथ विश्वासघात नहीं किया था और न अब करुंगा.

यूरोपियन देशों के नेताओं ने भी खारिज किया प्रस्ताव

जेलेंस्की ने राष्ट्रपति ट्रंप का अल्टीमेटम मिलने के बाद देशवासियों को संबोधित किया और बताया कि यूरोपियन देशों के नेताओं ने भी यूक्रेन का ही समर्थन किया है और राष्ट्रपति ट्रंप की शांति योजना को खारिज कर दिया है. बेशक यूक्रेन इस समय सबसे मुश्किल समय से गुजर रहा है. उसे या तो अपना गौरव और अपनी आजादी खोनी होगी या फिर अमेरिका का समर्थन खोना होगा, लेकिन यूक्रेन रूस के साथ युद्धविराम करने के लिए लिए रखी गई शर्तों का और शांति योजना को खारिज करता है.

ट्रंप ने अपने अधिकारियों के साथ मिलकर बनाया प्लान

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष वार्ताकार स्टीव विटकॉफ के साथ मिलकर यूक्रेन शांति योजना बनाई है, जिसे व्हाइट हाउस ने भी समर्थन दिया है. शांति योजना में प्रावधान किया गया है कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता नहीं मिलेगा. यूक्रेन की सेना आधी हो जाएगी और यूक्रेन बॉर्डर पर मिसाइल तैनात नहीं कर पाएगा. यूक्रेन को अपना डोनबास और क्रीमिया क्षेत्र रूस को देना होगा और रूसी भाषा को अपने देश में मान्यता देनी होगी.

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