IVF से जुड़वा बच्चे हो गए कंसीव, अब नॉर्मल डिलीवरी करवाएं या सी-सेक्शन?


आईवीएफ उन महिलाओं के लिए बड़ी उम्मीद मानी जाती है जो फर्टिलिटी की समस्याओं के चलते नेचुरल रूप से गर्भधारण नहीं कर पाती है. ऐसे में कपल्स आईवीएफ का सहारा लेते हैं. वहीं भारत में भी आईवीएफ तकनीक की वजह से कई कपल्स पैरंटहुड का सपना पूरा कर रहे हैं. हालांकि आईवीएफ से गर्भ ठहरने पर जुड़वा बच्चों की संभावना बढ़ जाती है. जिसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे में नॉर्मल डिलीवरी संभव है या सी सेक्शन ही करवाना पड़ता है. कई डॉक्टर ऐसे समय में सी सेक्शन कराने की सलाह देते हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आईवीएफ से जुड़वा बच्चे कंसीव हो गए हैं तो फिर नॉर्मल डिलीवरी करवानी चाहिए या सी सेक्शन ही करवाना चाहिए.

जुड़वा बच्चे कंसीव होने पर कौन सी डिलीवरी सही?

हर मां का सपना होता है कि उसकी डिलीवरी वजायनल हो. लेकिन कई बार सी-सेक्शन कराने की जरूरत भी पड़ जाती है. ऐसे में लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या आईवीएफ से कंसीव हुए जुड़वां बच्चों की कौन सी डिलीवरी सही है. एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर आईवीएफ से जुड़वा बच्चे कंसीव हुए हैं तो सी सेक्शन करवाना मेडिकल रूप से सुरक्षित ऑप्शन माना जाता है. जबरदस्ती नॉर्मल डिलीवरी की कोशिश मां और बच्चों दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है. एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर आईवीएफ प्रेगनेंसी है, यूट्रस में ट्विन्स है और प्रेगनेंसी हाई रिस्क कैटेगरी में आती है तो इन सभी कंडीशन में डॉक्टर आमतौर पर सी सेक्शन की ही सलाह देते हैं.

ट्विन प्रेगनेंसी में नॉर्मल डिलीवरी क्यों मुश्किल?

ट्विन प्रेगनेंसी में नॉर्मल डिलीवरी के खतरे बढ़ जाते हैं खासतौर पर तब जब दो बच्चे हो. डॉक्टरों के अनुसार ऐसी कंडीशन में कई समस्याएं हो सकती है. जैसे फिटल डिस्ट्रेस यानी बच्चों को सांस या दिल से जुड़ी दिक्कतें. वहीं प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याएं, इमरजेंसी इंटरवेशन की जरूरत और मां की सेहत पर खतरा जैसी समस्याएं भी हो सकती है. इन सभी वजह से सी सेक्शन को आईवीएफ में ज्यादा सुरक्षित माना जाता है.

सी सेक्शन में नहीं है कोई कमी 

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सी सेक्शन का नाम लेते ही कई महिलाएं समझ लेती है कि उनमें ही कोई कमी है. लेकिन इसे लेकर एक्सपर्ट साफ करते हैं कि सी सेक्शन  का मतलब यह बिल्कुल नहीं होता है कि मां में कोई कमी है. यह एक मेडिकल प्रक्रिया है जो मां और बच्चों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाती है. वहीं सी सेक्शन के बाद मदरहुड पर कोई असर नहीं पड़ता है.

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