Karnataka Government: कर्नाटक सरकार में बीते कुछ दिनों से मचे उथल-पुथल को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. राज्य की लीडरशिप में संभावित बदलाव की अटकलों के बीच ऐसा दावा किया जा रहा था कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थक विधायक शुक्रवार को कांग्रेस की टॉप नेताओं से मिलने नई दिल्ली पहुंचे. हालांकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सभी अफवाहों को खारिज करते हुए इन खबरों को ‘बेकार की बहस’ बताया.
मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही बहस
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिनों से सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कथित तौर पर मुख्यमंत्री पद को लेकर ‘रेटेशनल फॉर्मूले’ पर अटकलों का बाजार गर्म है. कर्नाटक में सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपने ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. कई रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच उस ‘समझौते’ की चर्चा हुई, जिसमें दोनों ढाई-ढाई साल के लिए राजी हुए थे. हालांकि पार्टी द्वारा ऐसे किसी समझौते की पुष्टि नहीं की गई है.
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पार्टी नेताओं को लेना होगा फैसला
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि मीडिया में चल रही खबरें बिना मतलब की बहस है. उन्होंने कहा, ‘जब यह कहा गया कि ढाई साल बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा सकता है, तभी मुख्यमंत्री बदलने का मुद्दा सामने आया. पार्टी नेताओं को मंत्रिमंडल फेरबदल पर फैसला लेना होगा.’
‘मेरी सत्ता रहेगी सुरक्षित’
सिद्धारमैया ने आगे कहा कि वो ही मुख्यमंत्री रहेंगे और लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं. सीएम ने कहा, ‘मेरी सत्ता अभी और भविष्य में भी सुरक्षित है. लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए जा रहे हैं…’. उन्होंने मीडिया पर ऐसी खबरें गढ़ने का आरोप लगाया. सीएम ने मीडिया कर्मियों से कहा, ‘यह आप (मीडिया) ही हैं जिन्होंने यह शब्द गढ़ा है. आपने ही यह ‘क्रांति’ गढ़ी है. असल में कोई ‘क्रांति’ या ‘भ्रांति’ नहीं है. हमें शासन करने के लिए पांच साल का कार्यकाल दिया गया हैं पांच साल बाद, चुनाव होंगे और हम एक बार फिर जीतेंगे.’
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