Frequent Hiccups: बार-बार आ रही है हिचकी तो हो जाएं सीरियस, शरीर में फैल सकती है ये गंभीर बीमारी


Long-Lasting Hiccups Complications: हिचकी आना एक बेहद आम अनुभव है, जिससे लगभग हर कोई गुजरता है. ये डायफ्राम नाम की मांसपेशी के अचानक और अनकंट्रोल सिकुड़ने से होती है, जिससे हिक जैसी आवाज निकलती है. आमतौर पर हिचकी कुछ ही मिनटों में खुद रुक जाती है. बहुत कम मामलों में यह किसी समस्या का संकेत भी हो सकती है. हिचकी तब लगती है जब हवा अंदर लेने की प्रक्रिया थोड़ी देर के लिए रुक जाती है. इसके पीछे वजहें हो सकती हैं, पेट में गैस भर जाना, मसालेदार खाना, या फिर पाचन और सांस से जुड़ी कुछ छिपी समस्याएं. ज्यादातर समय हिचकी नुकसानदायक नहीं होती है. लोग इसे सामान्य मानते हैं और हर किसी के पास इसे शांत करने का अपना एक तरीका होता है.

हिचकी क्यों आती है?

हिचकी तब आती है जब डायफ्राम अचानक सिकुड़ता है और इसी दौरान वोकल कॉर्ड बंद हो जाते हैं, जिससे वह खास हिक आवाज पैदा होती है. आमतौर पर इसको ट्रिगर करने के लिए ये हैं-

  • बहुत जल्दी-जल्दी खाना या पीना
  • सोडा, बहुत गर्म चीजें या शराब पीना
  • पेट में गैस भर जाना
  • तनाव, घबराहट या ज्यादा उत्साह
  • ज्यादा खाना
  • कुछ दवाओं का असर, जैसे एनेस्थीसिया या स्टेरॉइड

बार-बार हिचकी आए तो क्या दिक्कतें हो सकती हैं?

Cleveland Clinic के अनुसार, अगर हिचकी लंबे समय तक बनी रहे, तो यह रोजमर्रा की जिंदगी और सेहत दोनों को प्रभावित कर सकती है. लगातार चलने वाली हिचकी से ये परेशानियां हो सकती हैं-

  • खाने-पीने में दिक्कत से वजन कम होना या डिहाइड्रेशन
  • बात करने में दिक्कत
  • नींद खराब होना, थकान और ध्यान की क्षमता घट जाना
  • खाने-पीने में परेशानी से कमजोरी
  • मानसिक तनाव, बेचैनी या डिप्रेशन

बार-बार आने वाली हिचकी कैसे रोकी जाए?

  • छोटे घूंट लेकर ठंडा पानी पीएं या गरारा करें
  • सांस रोककर धीरे से छोड़ें
  • हल्का दबाव दें- निगलते समय नाक पकड़कर, डायफ्राम पर या जीभ पर
  • थोड़ा मीठा या खट्टा- चुटकीभर चीनी, नींबू, थोड़ा सिरका

कब चिंता करनी चाहिए?

अधिकतर हिचकियां खुद बंद हो जाती हैं, लेकिन 48 घंटे से ज्यादा चलने वाली हिचकी को क्रॉनिक हिचकी कहा जाता है. ऐसी स्थिति में यह किसी छिपी हुई बीमारी का संकेत हो सकती है. कुछ गंभीर स्थितियां जहां हिचकी एक लक्षण बनकर सामने आ सकती है-

  • दिमाग और नसों की समस्याएं: स्ट्रोक, नर्व डैमेज
  • दिल या फेफड़ों की बीमारी: हार्ट अटैक, निमोनिया
  • कैंसर: ट्यूमर या कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट
  • पाचन संबंधी परेशानियां: पैंक्रियास में सूजन, इसोफेगस में जलन या इंफेक्शन

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

अगर हिचकी 48 घंटे से ज्यादा रहे, नींद बिगाड़ दे, खाना-पीना मुश्किल कर दे, सांस लेने में दिक्कत हो, या इसके साथ छाती में दर्द, तेज बुखार, उल्टी, कमजोरी या सुन्नपन भी हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है. हिचकी छुड़ाने के लिए किसी को अचानक डराने की कोशिश न करें. इससे कभी-कभी हिचकी रुक सकती है, लेकिन गिरने, चोट लगने या दिल की समस्याएं बढ़ने का खतरा भी होता है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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