गरुड़ पुराण की 5 खौफनाक सजाएं, उबलते तेल से लेकर चाबुक तक, इंसान के गलत कर्म का क्रूर हिसाब!

हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण बेहद खास ग्रंथ माना जाता है. इसमें जीवन-मृत्यु और गलत कर्मों की सजा का जिक्र किया गया है. जहां प्रत्येक गलती की सजा उतनी ही कठोर बताई गई है, जितना बड़ा अपराध. गरुड़ पुराण ग्रंथ के अनुसार, मरने के बाद व्यक्ति को वो सभी यातनाएं झेलनी पड़ती है, जो उसने अपने जीवन में बोया है. आइए जानते हैं गरुड़ पुराण के पांच ऐसे दंड जिसके बारे में जानकर आपकी भी रुहं कांप उठेगी.

हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण बेहद खास ग्रंथ माना जाता है. इसमें जीवन-मृत्यु और गलत कर्मों की सजा का जिक्र किया गया है. जहां प्रत्येक गलती की सजा उतनी ही कठोर बताई गई है, जितना बड़ा अपराध. गरुड़ पुराण ग्रंथ के अनुसार, मरने के बाद व्यक्ति को वो सभी यातनाएं झेलनी पड़ती है, जो उसने अपने जीवन में बोया है. आइए जानते हैं गरुड़ पुराण के पांच ऐसे दंड जिसके बारे में जानकर आपकी भी रुहं कांप उठेगी.

गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति अपने फायदे के लिए दूसरे को नुकसान पहुंचाता है, उसे कुंभीपाकम नरक में भेजा जाता है. जहां उसे एक बड़े से बर्तन में उबलते हुए तेल में जलाया जाता है.

गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति अपने फायदे के लिए दूसरे को नुकसान पहुंचाता है, उसे कुंभीपाकम नरक में भेजा जाता है. जहां उसे एक बड़े से बर्तन में उबलते हुए तेल में जलाया जाता है.

प्राणरोधम गरुड़ पुराण में दर्ज एक ऐसी सजा जिसमें शरीर के टुकड़े किए जाते हैं. इस सजा में व्यक्ति बार-बार मरकर जीवित होता है. और दुबारा उसके शरीर के टुकड़े किए जाते हैं. ये प्रक्रिया हजारों सालों तक चलती है. ये सजा उन लोगों को दी जाती है, जो लोग जानवरों का शिकार करते हैं.

प्राणरोधम गरुड़ पुराण में दर्ज एक ऐसी सजा जिसमें शरीर के टुकड़े किए जाते हैं. इस सजा में व्यक्ति बार-बार मरकर जीवित होता है. और दुबारा उसके शरीर के टुकड़े किए जाते हैं. ये प्रक्रिया हजारों सालों तक चलती है. ये सजा उन लोगों को दी जाती है, जो लोग जानवरों का शिकार करते हैं.

रौरावम की सजा में सांपों से कटवाया जाता है. दूसरों के साथ धोखाधड़ी करने वाले पापियों को रौरावम नर्क में जलते हुए कोयले की सतह वाले जमीन पर फेंक दिया जाता है, जहां उनका शरीर पूरा जल जाता है. जिसे मच्छर, सांप, कौएं नोच नोचकर खाते हैं. ये प्रक्रिया लगातार दोहराई जाती है.

रौरावम की सजा में सांपों से कटवाया जाता है. दूसरों के साथ धोखाधड़ी करने वाले पापियों को रौरावम नर्क में जलते हुए कोयले की सतह वाले जमीन पर फेंक दिया जाता है, जहां उनका शरीर पूरा जल जाता है. जिसे मच्छर, सांप, कौएं नोच नोचकर खाते हैं. ये प्रक्रिया लगातार दोहराई जाती है.

तमिसरम की सजा में लोगों को चाबुक से मरा जाता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग दूसरों की संपत्ति को चुराते हैं, उन्हें यमदूतों के द्वारा तामिसरम नर्क में ले जाता जाता है. जहां उन्हें चाबुक से तबतक मारा जाता है, जबतक कि उनके शरीर से चमड़ी अलग न हो जाए.

तमिसरम की सजा में लोगों को चाबुक से मरा जाता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग दूसरों की संपत्ति को चुराते हैं, उन्हें यमदूतों के द्वारा तामिसरम नर्क में ले जाता जाता है. जहां उन्हें चाबुक से तबतक मारा जाता है, जबतक कि उनके शरीर से चमड़ी अलग न हो जाए.

तप्तामूर्ति की सजा उन लोगों को दी जाती है, जो लोग अवैध शारीरिक संबंध बनाते हैं. इस सजा में व्यक्ति को बांधकर गर्म कोयले और लावे की सतह वाले ताप्तामूर्ति नरक में फेंक दिया जाता है. बाद में इसके शरीर का फिर से निर्माण होता है और यह प्रक्रिया लगातार चलती ही रहती है.

तप्तामूर्ति की सजा उन लोगों को दी जाती है, जो लोग अवैध शारीरिक संबंध बनाते हैं. इस सजा में व्यक्ति को बांधकर गर्म कोयले और लावे की सतह वाले ताप्तामूर्ति नरक में फेंक दिया जाता है. बाद में इसके शरीर का फिर से निर्माण होता है और यह प्रक्रिया लगातार चलती ही रहती है.

Published at : 19 Nov 2025 04:52 PM (IST)

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