अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की है कि अमेरिका सऊदी अरब को F-35 लड़ाकू विमान बेचेगा. उन्होंने कहा कि ये जेट उन विमानों की तरह ही होंगे जो इजरायल को दिए गए हैं. सऊदी अरब ने औपचारिक रूप से 48 F-35 जेट खरीदने का अनुरोध किया है. यह सौदा पूरा होने पर मध्य पूर्व में इजरायल का F-35 का ‘एकमात्र ऑपरेटर’ होने का दर्जा समाप्त हो जाएगा. वहीं, सऊदी अरब को F-35 लड़ाकू विमान मिलने की खबर से भारत के लिए भी चिंता बढ़ सकती है. इसकी वजह वह रक्षा समझौता है, जिस पर पाकिस्तान और सऊदी अरब ने पहले सहमति बनाई थी और जो वैश्विक स्तर पर काफी चर्चा में रहा.
क्या सऊदी के F-35 से पाकिस्तान को फायदा मिलेगा?
यह बड़ा सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि उस रक्षा समझौते के तहत पाकिस्तान पर हमला, सऊदी पर हमला माना जाएगा. ऐसे में चिंता यह है कि क्या सऊदी के एडवांस हथियारों, जैसे F-35, का इनडायरेक्ट लाभ पाकिस्तान को मिल सकता है? अमेरिका F-35 जैसे अत्याधुनिक विमानों का निर्यात बहुत सख्त नियंत्रण के साथ करता है. वह इन्हें केवल भरोसेमंद देशों को ही देता है और इसके लिए अन्य साझेदार देशों की सहमति, सुरक्षा गारंटी, ट्रेनिंग और रखरखाव से जुड़े कड़े नियम शामिल होते हैं. इसलिए विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका सऊदी को F-35 देने के बाद उन्हें किसी और देश, खासकर पाकिस्तान को साझा करने की अनुमति देना बहुत बड़ा जोखिम मानेगा.
ट्रंप बोले-दोनों हमारे करीबी साझेदार
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ बैठे ट्रंप से पूछा गया कि जब अमेरिका इजरायल की सैन्य बढ़त बनाए रखने की नीति का पालन करता है, तो सऊदी को भी F-35 देने का फैसला कैसे लिया गया?
ट्रंप ने जवाब दिया कि इजरायल और सऊदी दोनों ही अमेरिका के ‘करीबी साझेदार’ हैं. उन्होंने मजाक में क्राउन प्रिंस से कहा कि इजरायल चाहता था कि सऊदी को ‘कम क्षमता वाले जेट’ दिए जाएं, ‘लेकिन मुझे नहीं लगता इससे आप खुश होते.’ ट्रंप ने आगे कहा- ‘मेरे हिसाब से दोनों देशों को सबसे बेहतरीन तकनीक मिलनी चाहिए. हम डील करने जा रहे हैं. सऊदी F-35 खरीदेगा.’
क्या F-35 डील का संबंध इजरायल-सऊदी सामान्यीकरण से जुड़ा?
मीडिया ने ट्रंप से पूछा कि क्या यह हथियार सौदा सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंध सामान्य करने की संभावित प्रक्रिया से जुड़ा है? ट्रंप ने सीधा जवाब देने से बचते हुए सिर्फ इतना कहा- ‘इजरायल को डील के बारे में पता है और वे इससे बहुत खुश होंगे.’
सात साल बाद व्हाइट हाउस पहुंचे MBS, हुआ भव्य स्वागत
यह क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की पिछले सात वर्षों में व्हाइट हाउस की पहली यात्रा थी. दक्षिण लॉन पर उनका सैन्य गार्ड ऑफ ऑनर, तोपों की सलामी और अमेरिकी लड़ाकू विमानों की फ्लाईओवर के साथ शानदार स्वागत किया गया.
सऊदी निवेश बढ़ाकर 1 ट्रिलियन डॉलर करने की घोषणा
मुलाकात के दौरान MBS ने बताया कि सऊदी अरब अमेरिका में अपने नियोजित निवेश को 600 अरब डॉलर से बढ़ाकर 1 ट्रिलियन डॉलर कर देगा. ट्रंप ने तुरंत जवाब दिया- ‘अच्छा है, मुझे यह बहुत पसंद आया.’ जब क्राउन प्रिंस से पूछा गया कि कम तेल कीमतों के बावजूद इतने बड़े निवेश को कैसे बनाए रखा जाएगा, तो उन्होंने कहा कि ये सौदे-खासकर सेमीकंडक्टर क्षेत्र से जुड़े निवेश-सऊदी अरब की दीर्घकालिक विकास योजनाओं का हिस्सा हैं. ट्रंप ने बैठक के दौरान दोहराया कि उनकी व्यापारिक नीतियां और कूटनीति के मिश्रण से साल के अंत तक 21 ट्रिलियन डॉलर के निवेश प्रतिबद्धताएं आ जाएंगी.
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