पहले पाकिस्तान को लताड़ा, फिर जयशंकर ने पुतिन से की मुलाकात, शहबाज को लग न जाए सदमा!


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल प्रमुखों के साथ मंगलवार (18 नवंबर 2025) को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. जयशंकर एससीओ के राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक में हिस्सा लेने के लिए यहां आए हैं. विदेश मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी. 

विदेश मंत्री जयशंकर ने की रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “आज मास्को में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करके सम्मानित महसूस किया. पीएम मोदी का अभिवादन पहुंचाया. उन्हें आगामी वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों से अवगत कराया. क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा की. हमारे संबंधों को और आगे बढ़ाने के लिए उनके दृष्टिकोण और मार्गदर्शन की मैं तहे दिल से सराहना करता हूं.”

क्रेमलिन में हुई बैठक में रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन, ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा अरेफ, बेलारूस के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर तुर्चिन, कजाकिस्तान के ओलजस बेक्टेनोव, किर्गिस्तान के एडिलबेक कासिमलियेव, ताजिकिस्तान के कोखिर रसूलजोदा और उज्बेकिस्तान के अब्दुल्ला अरिपोव के साथ-साथ पाकिस्तान के उप प्रधान मंत्री इशाक डार और एससीओ महासचिव नुरलान यरमेकबायेव भी शामिल हुए.

जयशंकर ने सोमवार (17 नवंबर 2025) को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ विस्तृत बातचीत की. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दोनों पक्ष राष्ट्रपति पुतिन की 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत यात्रा की तैयारी कर रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता के लिए 5 दिसंबर 2025 के आसपास भारत आने की उम्मीद है.

जयशंकर ने एससीओ से इतर मंगोलिया के प्रधानमंत्री गोम्बोजाविन जंदनशतार और कतर के प्रधानमंत्री सह विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से भी मुलाकात की. उन्होंने एससीओ शासनाध्यक्षों की बैठक की मेजबानी के लिए रूस के प्रधानमंत्री मिशुस्तिन को धन्यवाद दिया और उनके आतिथ्य की प्रशंसा की.

इशाक डार के सामने जयशंकर ने पाकिस्तान को लताड़ा

एससीओ नेताओं को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया को आतंकवाद के सभी प्रकारों और स्वरूपों के खिलाफ कतई बर्दाश्त न करने का रुख रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में जायज नहीं ठहराया जा सकता न ही इसे नजरअंदाज किया जा सकता है और न ही कोई लीपापोती की जा सकती है. जिस समय जयशंकर ये बात कह रहे थे उस समय पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार भी वहीं थे.

‘भारत को जवाब देने का पूरा हक’

आतंकवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “इसका कोई औचित्य नहीं हो सकता, कोई अनदेखी नहीं हो सकती और कोई लीपापोती नहीं हो सकती. जैसा कि भारत ने दिखाया है कि हमें आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार है और हम इसका प्रयोग करेंगे. भारत का मानना ​​है कि एससीओ को बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल होना चाहिए, एक विस्तृत एजेंडा विकसित करना चाहिए और अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए.”

बढ़ाना होगा प्रभाव- पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एससीओ की विश्वसनीयता और प्रभाव को बढ़ाने का आह्वान किया. उन्होंने हमारा लक्ष्य वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े क्षेत्रीय संगठनों में से एक के रूप में एससीओ की विश्वसनीयता और प्रभाव को बढ़ाने का है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी निकोलाई पात्रुशेव ने भी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पुतिन अगले महीने भारत की यात्रा पर आने वाले हैं. रूस के समुद्री बोर्ड के अध्यक्ष पात्रुशेव और पीएम मोदी ने कनेक्टिविटी, दक्षता विकास, जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया. पीएम मोदी ने पात्रुशेव को अवगत कराया कि वह अगले महीने राष्ट्रपति पुतिन की भारत में मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं. 

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