Sheikh Hasina Case Verdict: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई गई है. शेख हसीना को मानवता के खिलाफ 5 गंभीर अपराधों में इंटरनेशन क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने दोषी ठहराया और मौत की सजा दी. साथ ही 3 दिन में शेख हसीना को गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया है.
बता दें कि शेख हसीना के मामले में 453 पेज का जजमेंट आया, जो 6 पार्ट में पढ़ा गया. फैसला जस्टिस गुलाम मुर्तजा की अगुवाई वाली 3 जजों की बेंच ने सुनाया. इसमें जस्टिस मुर्तजा के अलावा जस्टिस मोहम्मद शफीउल आलम महमूद और जस्टिस मोहम्मद मोहितुल हक एनाम चौधरी भी शामिल हैं.
Bangladesh court sentenced ousted Prime Minister Sheikh Hasina to death, concluding a months-long trial that found her guilty of ordering a deadly crackdown on a student-led uprising last year: Reuters https://t.co/ePSSz5hjvU pic.twitter.com/WyHmkvhHat
— ANI (@ANI) November 17, 2025
छात्र आंदोलन में किए गए थे अपराध
फैसला शेख हसीना में गैर-मौजूदगी में सुनाया गया. वहीं फैसला सुनाते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा है कि सजा मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट्स के आधार पर सुनाई गई है, जिसमें शेख हसीना द्वारा किए गए क्रूर अपराधों का जिक्र था. जुलाई-अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार के खिलाफ छात्रों ने आंदोलन छेड़ा था, जिसका शेख हसीना ने क्रूरता से दमन कराया था.
शेख हसीना ने ही शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हेलीकॉप्टर से बम गिराने का आदेश पुलिस और सेना को दिया था. उनको बताकर ही अत्याचार के खिलाफ सड़कों पर उतरे आवामी लीग के कार्यकताओं पर हमला किया गया था. इसलिए पूरे मामले में शेख हसीना ही दोषी हैं और उनकी जानकारी में लाने के बाद ही आंदोलन का दमन किया गया.
A special tribunal is expected to announce its verdict today against Bangladeshi PM Sheikh Hasina, who has been charged with crimes against humanity over last year’s protests that left hundreds dead.
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— Al Jazeera English (@AJEnglish) November 17, 2025
हिंसा में 1400 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि छात्र आंदोलन का दमन करने की सरकार, सेना और पुलिस की कार्रवाई में 1400 से ज्यादा मौतें हुई थीं. निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गई थीं और ड्रोन-हेलीकॉप्टर से हमले किए गए थे. शेख हसीना इस हिंसक दमन की मास्टरमाइंड थी, क्योंकि उनके आदेश पर ही दमन किया गया था.
मामले में उनके साथ पूर्व गृह मंत्री आसदुज्जमान खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्लाह अल-मामुन को भी मौत की सजा सुनाई गई है, लेकिन वे शेख हसीना के खिलाफ गवाह भी थे. जून 2025 में ट्रायल की शुरुआत हुई थी और जुलाई में चार्जशीट दाखिल की गई थी. 2 जुलाई 2025 को शेखी हसीन को अदालत की अवमानना मामले में 6 महीने की जेल हुई थी और वह सजा भी शेख हसीना की गैर-मौजूदगी में सुनाई गई थी.
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