Dharmendra Farmhouse: अंदर से कैसा है धर्मेंद्र का फार्महाउस, जहां प्रकाश कौर के साथ वक्त बिता रहे बॉलीवुड के ही-मैन?

कुछ दिनों पहले तबीयत खराब होने पर उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन अस्पताल में भर्ती होते ही सोशल मीडिया पर उनके निधन की गलत खबरें फैलने लगीं. 11 नवंबर को उनकी बेटी ईशा देओल और पत्नी हेमा मालिनी ने सामने आकर बताया कि धर्मेंद्र बिल्कुल सुरक्षित हैं. 12 नवंबर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई.

कुछ दिनों पहले तबीयत खराब होने पर उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन अस्पताल में भर्ती होते ही सोशल मीडिया पर उनके निधन की गलत खबरें फैलने लगीं. 11 नवंबर को उनकी बेटी ईशा देओल और पत्नी हेमा मालिनी ने सामने आकर बताया कि धर्मेंद्र बिल्कुल सुरक्षित हैं. 12 नवंबर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई.

फिल्मों में आने से पहले धर्मेंद्र ने 1954 में प्रकाश कौर से शादी की थी. इस शादी से उनके चार बच्चे हुए सनी, बॉबी, विजेता और अजीता. बाद में फिल्मों में काम करते हुए उनकी और हेमा मालिनी की ऑनस्क्रीन जोड़ी रियल लाइफ में भी प्यार में बदल गई और 1980 में दोनों ने शादी की. उनकी दो बेटियां हैं ईशा और अहाना. धर्मेंद्र आज भी दोनों परिवारों के साथ बराबर जुड़ाव रखते हैं.

फिल्मों में आने से पहले धर्मेंद्र ने 1954 में प्रकाश कौर से शादी की थी. इस शादी से उनके चार बच्चे हुए सनी, बॉबी, विजेता और अजीता. बाद में फिल्मों में काम करते हुए उनकी और हेमा मालिनी की ऑनस्क्रीन जोड़ी रियल लाइफ में भी प्यार में बदल गई और 1980 में दोनों ने शादी की. उनकी दो बेटियां हैं ईशा और अहाना. धर्मेंद्र आज भी दोनों परिवारों के साथ बराबर जुड़ाव रखते हैं.

धर्मेंद्र सिर्फ अच्छे अभिनेता ही नहीं थे, बल्कि निर्माता और बिजनेसमैन भी रहे. फिल्मों में लंबा सफर तय करने के बाद उन्होंने खाने-पीने के बिजनेस में कदम रखा. बिजनेस इनसाइडर के अनुसार, 2015 में उन्होंने दिल्ली में गरम धरम ढाबा शुरू किया. फिर 2022 में करनाल हाईवे पर ही-मैन नाम का रेस्टोरेंट खोला.

धर्मेंद्र सिर्फ अच्छे अभिनेता ही नहीं थे, बल्कि निर्माता और बिजनेसमैन भी रहे. फिल्मों में लंबा सफर तय करने के बाद उन्होंने खाने-पीने के बिजनेस में कदम रखा. बिजनेस इनसाइडर के अनुसार, 2015 में उन्होंने दिल्ली में गरम धरम ढाबा शुरू किया. फिर 2022 में करनाल हाईवे पर ही-मैन नाम का रेस्टोरेंट खोला.

मुंबई की भागदौड़ से दूर धर्मेंद्र का एक शांत जीवन भी है, जो लोनावला के उनके 100 एकड़ वाले फार्महाउस में बसता है. यह फार्महाउस पेड़ों, खेतों और पगडंडियों से घिरा है. वह अपना ज्यादातर समय यहीं अपनी पहली पत्नी प्रकाश कौर के साथ बिताते हैं. पंजाबी किसान परिवार से होने के कारण उन्हें प्रकृति और खुले माहौल से बेहद लगाव है.

मुंबई की भागदौड़ से दूर धर्मेंद्र का एक शांत जीवन भी है, जो लोनावला के उनके 100 एकड़ वाले फार्महाउस में बसता है. यह फार्महाउस पेड़ों, खेतों और पगडंडियों से घिरा है. वह अपना ज्यादातर समय यहीं अपनी पहली पत्नी प्रकाश कौर के साथ बिताते हैं. पंजाबी किसान परिवार से होने के कारण उन्हें प्रकृति और खुले माहौल से बेहद लगाव है.

लोनावला का उनका फार्महाउस लकड़ी और पत्थर की सादगी से बना है. यहां का माहौल बिल्कुल देहाती और शांत है. धर्मेंद्र अक्सर अपने खेतों की झलक सोशल मीडिया पर साझा करते रहते हैं. कभी पौधों को पानी देते हुए, कभी आम तोड़ते हुए, तो कभी अपने बत्तखों की देखभाल करते हुए.

लोनावला का उनका फार्महाउस लकड़ी और पत्थर की सादगी से बना है. यहां का माहौल बिल्कुल देहाती और शांत है. धर्मेंद्र अक्सर अपने खेतों की झलक सोशल मीडिया पर साझा करते रहते हैं. कभी पौधों को पानी देते हुए, कभी आम तोड़ते हुए, तो कभी अपने बत्तखों की देखभाल करते हुए.

इस फार्महाउस में धर्मेंद्र अपने पसंदीदा फल, सब्जियां और यहां तक कि चावल भी खुद उगाते हैं. यहां भैंसें भी पाली जाती हैं. वह अक्सर कहते हैं कि उन्हें मिट्टी की खुशबू और खुला आसमान बेहद सुकून देता है. उनकी यह लाइफस्टाइल बताती है कि सफलता के बाद भी वह अपनी जड़ों से जुड़े रहे.

इस फार्महाउस में धर्मेंद्र अपने पसंदीदा फल, सब्जियां और यहां तक कि चावल भी खुद उगाते हैं. यहां भैंसें भी पाली जाती हैं. वह अक्सर कहते हैं कि उन्हें मिट्टी की खुशबू और खुला आसमान बेहद सुकून देता है. उनकी यह लाइफस्टाइल बताती है कि सफलता के बाद भी वह अपनी जड़ों से जुड़े रहे.

अभिनय और बिजनेस के साथ-साथ धर्मेंद्र निर्माता भी रहे. 1983 में उन्होंने विजेता फिल्म्स की स्थापना की. इसी बैनर के तहत उनके बेटे सनी देओल ने बेताब से और बॉबी देओल ने बरसात से बॉलीवुड में कदम रखा. 2019 में उन्होंने अपने पोते करण देओल को पल पल दिल के पास के जरिए लॉन्च किया.

अभिनय और बिजनेस के साथ-साथ धर्मेंद्र निर्माता भी रहे. 1983 में उन्होंने विजेता फिल्म्स की स्थापना की. इसी बैनर के तहत उनके बेटे सनी देओल ने बेताब से और बॉबी देओल ने बरसात से बॉलीवुड में कदम रखा. 2019 में उन्होंने अपने पोते करण देओल को पल पल दिल के पास के जरिए लॉन्च किया.

आज भी धर्मेंद्र फिल्में, बिजनेस और अपने फार्महाउस तीनों के बीच अपना समय बांटते हैं. लोनावला की उनकी जमीन उनके रोजमर्रा के जीवन का अहम हिस्सा है, जहां वह खेती-बाड़ी और पशुओं की देखभाल खुद करते हैं.

आज भी धर्मेंद्र फिल्में, बिजनेस और अपने फार्महाउस तीनों के बीच अपना समय बांटते हैं. लोनावला की उनकी जमीन उनके रोजमर्रा के जीवन का अहम हिस्सा है, जहां वह खेती-बाड़ी और पशुओं की देखभाल खुद करते हैं.

धर्मेंद्र की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह आज भी अपने दर्शकों के लिए उतने ही अपनत्व से भरे हुए हैं जितने अपने शुरुआती दौर में थे.

धर्मेंद्र की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह आज भी अपने दर्शकों के लिए उतने ही अपनत्व से भरे हुए हैं जितने अपने शुरुआती दौर में थे.

Published at : 17 Nov 2025 10:52 AM (IST)

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