Diamond Gemstone: हीरा रत्न क्यों है खास? जानें इसके गुण, दोष और पहनने के नियम


Diamond Gemstone: हीरा सफेद और पारदर्शी होता है, जिसमें हल्की नीली आभा चमकती रहती है. हालांकि कुछ हीरे हरे, पीले, नीले और लाल रंग के भी मिलते हैं. पर श्रेष्ठ वही माना गया है जो स्वच्छ, चमकीला और हल्की नीली आभा वाला हो, जिसमें सूर्य की रोशनी पड़ते ही इन्द्रधनुषी किरणें निकलें.

ज्योतिष के अनुसार हीरों को चार वर्णों ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र के रूप में भी विभाजित किया गया है और व्यक्ति को अपने वर्ण के अनुसार ही रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. खराब हीरे की पहचान भी जरूरी है. पीला, टूटे किनारों वाला, दरारयुक्त, धूमिल, चिकनी तेलीय चमक वाला, छाया लिए या लाल बिंदुओं से युक्त हीरा अशुभ माना जाता है.

शुक्र ग्रह का मुख्य रत्न है हीरा  

हीरा ज्योतिष में शुक्र ग्रह का मुख्य रत्न माना जाता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र कमजोर, नीच या पीड़ित हो, तो हीरा पहनने से उसकी कमी पूरी हो सकती है.
शुक्र जनित समस्याएं जैसे दांपत्य तनाव, आकर्षण की कमी, नपुंसकता, गुप्त रोग, त्वचा रोग, प्रेम-जीवन में बाधा आदि में हीरा लाभकारी माना गया है. इसके अलावा, वशीकरण, सम्मोहन और भूत-प्रेत बाधा से सुरक्षा के लिए भी हीरा प्रभावी बताया गया है. स्त्री और पुरुष दोनों के स्वास्थ्य से जुड़े कुछ गुप्त रोगों में भी हीरा लंबे समय से प्रयोग में लाया जाता रहा है.

 हीरा धारण करने की विधि

  • हीरा जितना शुभ है, गलत मुहूर्त या गलत योग में पहनने पर उतना ही हानिकारक भी हो सकता है. इसलिए इसे धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिषाचार्य से कुंडली अवश्य दिखाएं.
  • शुक्रवार के दिन विशेषकर भरणी, पूर्वाफाल्गुनी या पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में हीरा चांदी या प्लैटिनम की अंगूठी में जड़वाकर धारण करना शुभ माना जाता है.
  • अंगूठी को पंचामृत में डुबोकर शुद्ध करें. शुक्र देव की प्रार्थना करते हुए पाँच अगरबत्तियां जलाएं.
  • “ॐ शं शुक्राय नम:” मंत्र के 108 बार जप करते हुए अंगूठी को धूप पर 108 बार घुमाएं.
  • अंगूठी को लक्ष्मीजी के चरणों से स्पर्श कराकर मध्यमा या कनिष्ठा अंगुली में पहन लें.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

 

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