Mokshada Ekadashi 2025: कलियुग में मोक्ष प्राप्ति की कामनापूर्ति के लिए एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है, इस साल मोक्षदा एकादशी 1 दिसंबर 2025 को है.
इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है. इस एकादशी के नाम में ही मोक्ष है, पुराणों के अनुसार मोक्षदा एकादशी के दिन जो जातक भगवान विष्णु का पूजन और व्रत करते हैं, उनके लिए बैकुंठ का द्वार खुलता है.
मोक्षदा एकादशी 2025 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 30 नवंबर को रात 9 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी, 01 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 01 मिनट पर इसका समापन होगा.
- पूजा मुहूर्त – सुबह 06:56 – सुबह 08:15
- सुबह 09:33 – सुबह 10:52
- व्रत पारण समय – सुबह 06:57 – सुबह 09:03 (2 दिसंबर 2025)
क्यों मनाई जाती है मोक्षदा एकादशी ?
पुराणों के अनुसार मोक्ष उसी व्यक्ति को मिलता है जिसे कर्म अच्छे हों, धार्मिक आचरण अपनाने वालों को मृत्यु के बाद जन्म मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है. ऐसे में मोक्षदा एकादशी वो व्रत है जिसके फलस्वरूप व्यक्ति अपने पाप कर्म से मुक्ति पाकर मोक्ष को अग्रसर होता है. यही वजह है कि मोक्षदा एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
मोक्षदा एकादशी पर कौन से शुभ काम करें ?
- एकादशी की सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं और सूर्यास्त के बाद घर के आंगन में तुलसी के पास दीपक जलाएं. इस दिन तुलसी को छूना नहीं चाहिए.
- सुबह पूजा में गीता का पाठ करें, क्योंकि मोक्षदा एकादशी पर गीता जयंती भी मनाई जाती है. पूरे ग्रंथ का पाठ करना संभव न हो तो अपने समय के अनुसार कुछ अध्यायों को पाठ कर सकते हैं.
- एकादशी पर किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करे.गायों को हरी घास खिलाएं. ये व्यक्ति को हर पाप से मुक्ति दिलाने का कारगर उपाय है.
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