Exide Industries हर मोर्चे पर हुई फेल! अब आगे ऐसा है रुझान – exide industries share price may move fast after q2 results gst delays hit hard as all parameters miss estimates q3 rebound expected

Exide Industries Share Price: चालू वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2025 एक्साइड इंडस्ट्रीज के लिए फीकी रही। सितंबर तिमाही में कंपनी हर मोर्चे पर उम्मीद से अधिक कमजोर रही। हालांकि कंपनी ने इसकी वजह जीएसटी दरों में कटौती को बताया है। इसका असर अब स्टॉक मार्केट में दिख सकता है। अभी की बात करें तो एक कारोबारी दिन शुक्रवार 14 नवंबर को बीएसई पर यह 0.33% के उछाल के साथ ₹380.85 पर बंद हुआ था। कंपनी ने शुक्रवार को इक्विटी मार्केट का कारोबार बंद होने के बाद कारोबारी नतीजे जारी किए थे। एक साल में इसके शेयरों के चाल की बात करें तो पिछले साल 12 दिसंबर 2024 को बीएसई पर यह एक साल के हाई ₹472.70 पर था जिससे यह चार ही महीने में यह 30.62% टूटकर 7 अप्रैल 2025 को एक साल के निचले स्तर ₹327.95 पर आ गया था।

Exide Industries के लिए कैसी रही सितंबर तिमाही?

एक्साइड इंडस्ट्रीज को चालू वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2025 में ₹221 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हासिल हुआ था जोकि सीएनबीसी-टीवी18 के ₹319 करोड़ के अनुमान से कम रहा। सालाना आधार पर कंपनी के मुनाफे में 25.8% की गिरावट आई। सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर कंपनी का रेवेन्यू भी 2.1% फिसलकर ₹4,178 करोड़ पर आ गया। कंपनी का रेवेन्यू भी सीएनबीसी-टीवी18 के अनुमान ₹4,459 से कम रहा।

ऑपरेटिंग लेवल पर बात करें तो इसका ऑपरेटिंग प्रॉफिट सालाना आधार पर सितंबर 2025 तिमाही में 18.5% गिरकर ₹394.5 करोड़ पर आ गया जोकि सीएनबीसी-टीवी18 के अनुमान ₹533 करोड़ से कम रहा। इस दौरान ऑपरेटिंग मार्जिन भी 11.3% से फिसलकर 9.4% पर आ गया जबकि अनुमान 12% का था।

क्यों लगा एक्साइड इंडस्ट्रीज के कारोबार को झटका?

एक्साइड इंडस्ट्रीज का कहना है कि सितंबर तिमाही की शुरुआत मजबूत रही और कारोबार दोहरे अंकों की रफ्तार से बढ़ा। हालांकि इसके बाद कंपनी के मुताबिक 15 अगस्त को जीएसटी दरों में कटौती के ऐलान के बाद चैनल पार्टनर्स ने नए और कम कीमत वाले माल का इंतज़ार करते हुए खरीदारी टाल दी, जिससे कारोबार की रफ्तार धीमी पड़ गई। सुस्त मांग को देखते हुए कंपनी ने अगस्त और सितंबर महीने में उत्पादन घटा दिया, जिससे सितंबर तिमाही के आखिरी तक इन्वेंट्री में कमी आई। हालांकि कम उत्पादन के चलते फिक्स्ड कॉस्ट की रिकवरी पर असर पड़ा, जिससे प्रॉफेटिबिलिटी पर दबाव बढ़ा। कंपनी का कहना है कि मौजूदा तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर 2025 में मजबूत रिकवरी की उम्मीद है, खासतौर से ट्रेड और ऑटो OEM सेगमेंट में। कंपनी के मुताबिक जीएसटी दर में कटौती के फायदे मिलने शुरू हो गए हैं। कंपनी का कहना है कि जीरो कर्ज और मजबूत कैश जेनेरेशन के साथ कंपनी की लिक्विडिटी पोजिशन मजबूत बनी हुई है।

बिजनेस वर्टिकल्स की बात करें तो सरकारी कार्यक्रमों के दम पर सोलर सेगमेंट सबसे तेज स्पीड से आगे बढ़ा। सितंबर छमाही में कुल ट्रेड मोबिलिटी डबल-डिजिट में बढ़ी। साथ ही टेलीकॉम को छोड़ इंडस्ट्रियल इंफ्रा बिजनेस में भी बिजली, रेल और ट्रैक्शन क्षेत्रों में ऑर्डर इनफ्लो और एग्जीक्यूशन बढ़ने से सालाना आधार पर सुधार दिखा। वहीं रिजर्व पावर वर्टिकल पर देश के अधिकतर हिस्सों में लंबे समय तक चले मानसून का असर पड़ा, जिसके कारण सितंबर तिमाही में कंपनी को झटका लगा। साथ ही जियो-पॉलिटिकल टेंशन और टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं के चलते निर्यात भी कमजोर रहा।

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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