32 कारों के साथ देशभर समेत दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट की थी प्लानिंग? आतंकियों की साजिश को लेकर चौंकाने वाला दावा


क्या आतंकवादी दिल्ली में लाल किले पास हुए ब्लास्ट से भी बड़ी घटना को अंजाम देने की प्लानिंग में थे? ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद से कई अहम खुलासे हो रहे हैं. अब दावा किया जा रहा है कि आतंकवादी करीबन 32 कारों में विस्फोटक सामाग्री लेने और उसमें बम रखकर पहुंचाने की फिराक में थे. आतंकवादियों की मंशा पूरी दिल्ली समेत देश में सिलसिलेवार तरीके से सीरियल ब्लास्ट करने की थी. 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली धमाके की जांच में जुटे सूत्रों ने दावा किया है कि मारुति सुजुका ब्रेजा, मारुति स्विफ्ट डिजायर और एक फोर्ड इकोस्पोर्ट समेत 32 कारों के जरिए देश भर समेत पूरी दिल्ली में 6 जगह सीरियल ब्लास्ट की योजना थी. हुंडई की i20 समेत सभी गाड़ियों के जरिए 6 दिसंबर को दिल्ली के कई जगह पर सीरियल ब्लास्ट की योजना थी. 

कई बार बेची जा चुकी गाड़ियों का इस्तेमाल

जितनी भी कार बरामद की गई है, उसमें अधिकतर पुरानी हैं. इन्हें कई बार बेचा जा चुका है. इसके पीछे भी वजह यही थी कि पुलिस को कार मालिक तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़े. हालांकि, सभी चारों कार मिल गई हैं. संदिग्ध कार ब्रेजा (HR87 U 9988) हरियाणा के फरीदाबाद के अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज और रिसर्च सेंटर के परिसर में मिली थी. यह इलाका आतंकवादी गतिविधियों का सेंटर प्वाइंट बनकर उभरा है. 

इससे पहले बुधवार रात हरियाणा के फरीदाबाद में इकोस्पोर्ट (रजिस्ट्रेशन नंबर-DL10CK0458)लावरिस हालत में मिली थी. यह व्हाइट टेरर गैंग मॉड्यूल का अड्डा माना जा रहा है. इसके अलावा एक युवक जो पिछली सीट पर सोता हुआ मिला है, उसे भी अरेस्ट किया गया है. उसकी पहचान नहीं हो सकी है. सोमवार को ही डिजायर कार को जब्त कर लिया गया था. कार में एक असॉल्ट राइफल और गोलाबारूद मिला है. 

10 नवंबर की सुबह दिल्ली में घुसी थी कार

बता दें, i-20 कार सोमवार सुबह बदरपुर बॉर्डर क्रांसिंग से दिल्ली में घुसी थी. कार कई घंटों तक शहर में घूमती रही. माना जा रहा है कि लाल किला की पार्किंग में इसे उड़ाने की प्लानिंग थी. अधिकारियों का कहना है कि उमर ने विस्फोट की अचानक योजना बनाई थी. सोमवार को भीड़ कम रहती है, इसलिए उसने मेट्रो स्टेशन के पास और लाल किला के एंट्री गेट के ठीक बाहर विस्फोट को अंजाम दिया. उमर अपने साथियों की गिरफ्तारी के बाद घबरा गया होगा.

पाक स्थित जैश ए मोहम्मद संगठन कर रहा था ऑपरेट

अधिकारियों का कहना है कि यह आतंकी स्लीपर सेल पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह चला रहा था. अब इस पूरे मामले में NIA जांच कर रही है. इसमें आतंकवादियों के नए तौर तरीकों की व्यापक जांच भी शामिल है. यह व्हाइट कॉलर आतंकी गिरोह का पर्दाफाश उस समय हुआ, जब जम्मू कश्मीर के नौगाम में आदिल अहमद को जैश आतंकवादी ग्रुप की प्रशंसा करते हुए पोस्टर लगाते देखा गया था. इसके कुछ दिनों बाद उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में आदिल को गिरफ्तार कर लिया गया था. बस इसके बाद आतंकी साजिश का खुलासा होता चला गया. इस सेल के कई आतंकवादी अल-फलाह संस्था में काम करते थे. हालांकि, इस संस्था ने खुद को आतंकी गतिविधियों से अलग करते हुए बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है- हम एक जिम्मेदार संस्था के रूप में देश के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं और देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टी करते हैं.

समय से पहले उमर ने किया विस्फोट

10 नवंबर को लाल किले में हुए विस्फोट में 13 लोग मारे गए थे. इसमें हाई इंटेन्सिटी का विस्फोटक प्रदार्थ अमोनियम नाइट्रेट रखा था. फिलहाल. प्रारंभिक जांच में यही बात सामने आई है कि उमर मोहम्मद ने समय से पहले ही विस्फोट कर दिया था. DNA की जांच में पता चला है कि उमर की विस्फोट में मौत हो चुकी है. 

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