Wednesday Special: कोई भी शुभ कार्य या पूजा के पहले होती है गणेश भगवान की पूजा, जानें इसका पौराणिक महत्व

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Ganesh Puja: हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन अलग अलग भगवान के नाम पर समर्पित है. बुधवार का दिन खासकर भगवान गणेश के नाम पर है. इस दिन इनकी पूजा की जाती है और सुख समृद्धि की कामना की जाती है.

गणेश पूजन मुख्य रूप से गणेश चतुर्थी के दिन किया जाता है. इस दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में धूमधाम रहती है.

इसके अलावे कोई भी पूजा हो या कोई शुभ कार्य, सभी शुभ कार्य के पहले गणेश भगवान की ही पूजा की जाती है. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि उनकी पूजा से जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती हैं.

गणेश जी की उत्पत्ति की कथा

शिव पुराण के अनुसार भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. इसी दिन माता पार्वती ने स्नान से पहले अपने मैल से एक बालक बनाया और उसे द्वारपाल बना दिया.

जब भगवान शिव अंदर आना चाहते थे, तो उस बालक ने उन्हें रोक दिया. इससे शिवजी क्रोधित हो गए और अपने त्रिशूल से बालक का सिर काट दिया. यह देखकर माता पार्वती बहुत दुखी हुईं. तब शिवजी ने भगवान विष्णु को आदेश दिया कि जो पहला जीव मिले, उसका सिर ले आएं.

विष्णु जी ने एक हाथी का सिर लाकर दिया, जिसे शिवजी ने बालक के शरीर से जोड़ दिया. इस तरह गणेश जी को नया जीवन मिला. तब से उन्हें प्रथम पूज्य देवता माना गया. यह मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजन से की जाए तो सफलता अवश्य मिलती है.

 बुधवार का महत्व और पूजा विधि

बुधवार को गणेश जी का प्रिय दिन माना गया है. इस दिन विधिवत पूजा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और जीवन से सभी कष्टों का निवारण करते हैं. बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें.

गणेश जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और मंदिर या घर में स्थापित करें. दीप जलाएं और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद गणेश जी को दूध, दूर्वा, पुष्प और सिन्दूर अर्पित करें. उन्हें मोदक या लड्डू का भोग लगाएं. आरती करें और दिनभर भक्ति में समय बिताएं. रात को चंद्र दर्शन के बाद ही प्रसाद ग्रहण करें.

पूजा विधि व मंत्र:

पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में दूर्वा, मोदक, फल, फूल, गंगाजल, पान, सुपारी, रोली, हल्दी और चंदन शामिल हैं. गणेश जी का जलाभिषेक करें, उन्हें दूर्वा और मोदक अर्पित करें और ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें.

अंत में आरती करें और प्रसाद का वितरण करें.  मान्यता है कि जीवन के हर शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की कृपा से की जाए तो हर विघ्न दूर होते हैं.

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