डेटा सेंटर के लिए भारत सबसे बड़ी मार्केट्स में एक, मुंबई में बनाने की लागत सिंगापुर की तुलना में आधी- रिपोर्ट

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AI कंपनियों के लिए डेटा सेंटर सबसे जरूरी होते जा रहे हैं और इनके लिए भारत दुनिया की सबसे आकर्षित मार्केट्स में से एक बनकर उभर रहा है. साथ ही मुंबई में डेटा सेंटर लगाने की लागत दुनिया में दूसरी सबसे कम है. टर्नर एंड टाउनसेंड डेटा सेंटर कंस्ट्रक्शन कॉस्ट इंडेक्स से यह जानकारी सामने आई है. मुंबई में डेटा सेंटर लगाने की लागत 6.64 डॉलर (लगभग 590 रुपये) प्रति वॉट है. इसकी तुलना में सिंगापुर और ज्यूरिख आदि जगहों पर डेटा सेंटर लगाने के लिए कंपनियों को लगभग दोगुनी लागत आती है. इसके अलावा मुंबई में शंघाई आदि शहरों की तुलना में बिजली की कीमत भी आधी है, जिससे कंपनियों को खर्चा बचाने में मदद मिलती है.

भारत में केवल 3 प्रतिशत ही डेटा सेंटर कैपेसिटी

भारत में दुनिया का लगभग 20 प्रतिशत डेटा जनरेट होता है, लेकिन यहां दुनिया की कुल डेटा सेंटर कैपेसिटी का 3 प्रतिशत है. आसान भाषा में समझें तो भारत में डेटा ज्यादा जनरेट होता है, लेकिन इसे स्टोर करने के लिए डेटा सेंटर नहीं है. इस कारण विदेशों में स्थित डेटा सेंटर पर निर्भरता बढ़ जाती है. साथ ही इससे यह भी संकेत मिलता है कि भारत में डेटा सेंटर के विस्तार की असीम संभावनाएं हैं. अगर एशिया-पैसिफिक क्षेत्र की बात करें तो चीन के बाद भारत जापान और सिंगापुर के साथ सबसे बड़ी डेटा सेंटर मार्केट्स में से एक है. 

डेटा सेंटर बनाने के लिए भारी निवेश की जरूरत

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में डेटा सेंटर भारी निवेश की जरूरत है और कम लागत के कारण एक बढ़िया मौका भी है. हालांकि, पावर और सप्लाई चैन इसकी राह में बड़ी चुनौती है. मौजूदा डेटा के विश्लेषण से सामने आता है कि दुनियाभर के 52 बाजारों में डेटा सेंटर बनाने की लागत प्रति वॉट 5.5 प्रतिशत बढ़ी है. 

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