
आज भव्यता से गुरु नानक जयंती मनाई जा रही है. यह वह पावन समय है, जब सभी गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर मनन करते हैं.

आज के दिन उनके सिद्धांतों पर चलने का संकल्प दोहराया जाता है. सही मायने में यह पर्व वर्ष के सबसे बड़े आयोजनों में से एक है यह सिख समुदाय का सबसे बड़ा पर्व है.

ईश्वर एक है. यह गुरु नानक की प्रमुख शिक्षाओं में से एक है. ईश्वर निराकार हैं. सर्वव्यापी और कालातीत है. यह विचार एकता और समानता को प्रोत्साहित करता है.

गुरु नानक ने जाति-पाति और भेदभाव का विरोध किया. उनके अनुसार हर मनुष्य ईश्वर की दृष्टि में समान है, चाहे कह किसी भी जाति, धर्म या लिंग का हो.

गुरु नानक ने ईश्वर का निरंतर स्मरण (नाम जपना) और परिश्रम तथा ईमानदार आजीविका के साथ जीवन जीने की प्रेरणा दी. यह जीवन को आध्यात्मिक और सामाजिक रूप से सार्थक बनाता है.

गुरुनानक ने दूसरों के साथ बांटकर खाने की भावना पर जोर दिया. इस सिद्धांत का स्वरूप लंगर में देखा जाता है जहां पर निशुल्क लोगों को भोजन कराया जाता है. यह विनम्रता, समानता और सेवा का प्रतीक है. सही मायने में यह गुरु की प्रेरणा है.
Published at : 05 Nov 2025 11:55 AM (IST)
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