
ज्योतिष के अनुसार जब अशुभ नक्षत्र का योग बनता है तो ‘पंचक’ लगता है. आमतौर पर इसे अशुभ फल देने वाला समय माना जाता है. आइए जानते हैं पंचक कब और कैसे लगता है. साथ ही जानते हैं पंचक के प्रकार.

चंद्रमा का गोचर जब घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र पर होता है तो इसे पंचक काल कहा जाता है. चंद्रमा के कुंभ और मीन राशि में गोचर करने पर भी पंचक लगता है.

पंचक के प्रकार की बात करें तो ये कई तरह का होता है जैसे- रोग पंचक, मृत्यु पंचक, अग्नि पंचक, राज पंचक और चोर पंचक. जब पंचक की शुरुआत शुक्रवार से होती है तो यह ‘चोर पंचक कहलाता है.

31 अक्टूबर को शुक्रवार के दिन से पंचक लग रहा है. इसलिए इसे चोर पंचक कहा जाएगा. चोर पंचक 31 अक्टूबर से 4 नवंबर 2025 तक चलेगा. इसलिए इस दौरान कुछ कामों को करने से बचे.

चोर पंचक के पांच दिनों में धन का लेन-देन करने से बचना चाहिए. मान्यता है कि इस अवधि किया गया आर्थिक लेन-देन धन हानि का कारण बनता है. साथ ही दक्षिण दिशा की यात्रा से भी बचें.

चोर पंचक के समय नए व्यापार की शुरुआत, बड़ा निवेश, बिजनेस डील आदि जैसे काम भी नहीं करना चाहिए. ऐसा माना जाता है इस समय किए गए काम से शुभ फल कम ही मिलते हैं.

शादी-विवाह, सगाई, उपनयन, नए वस्त्र या जेवर की खरीदारी, निवेश आदि जैसे काम भी चोर पंचक के समय करना अशुभ माना जाता है.
Published at : 30 Oct 2025 07:05 AM (IST)
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