राजस्थान: दो बस हादसों के बाद नींद से जागी सरकारी, प्राईवेट बसों को लेकर लिया ये बड़ा फैसला


जैसलमेर और जयपुर ग्रामीण जिले में प्राइवेट स्लीपर बसों में आग लगने की घटना के बाद राजस्थान में परिवहन विभाग इन दोनों एक्टिव हो गया है. राजधानी जयपुर समेत तमाम जिलों में परिवहन विभाग की टीमें प्राइवेट बसों की चेकिंग कर रही हैं. नियमों के मुताबिक नहीं चलने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. कई बसों को सीज भी किया जा रहा है.

 

चेकिंग के दौरान बसों में चार चीज खास तौर पर देखी जा रही हैं. बस के बैक साइड में एग्जिट गेट है या नहीं. स्लीपर की सभी केबिन में हैमर यानी हथौड़ा है या नहीं. बस में आग बुझाने के उपकरण है या नहीं. इसके साथ ही अभी देखा जा रहा है कि बस की छत पर यात्रियों के सामान तो नहीं लादे गए हैं. जिन प्राइवेट बसों में यह इंतजाम नहीं है या फिर उनमें छत पर सामान रखा गया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उनका चालान काटा जा रहा है बसों को सीज किया जा रहा है. 

‘कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी सुरक्षा में लापरवाही’

महज पंद्रह दिनों में आग लगने की दूसरी बड़ी घटना के बाद जयपुर में आरटीओ की टीमों ने आज कई जगहों पर चेकिंग की. बस ऑपरेटरों को सख्त हिदायत दी कि यात्रियों की सुरक्षा में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जयपुर के सिंधी कैंप इलाके में आरटीओ इंस्पेक्टर गिरीश  गंगवाल ने अपनी टीम के साथ कई बसों की चेकिंग की और व्यवस्थाओं को परखा. कई बसें सही पाई गई. कुछ को चेतावनी दी गई और कुछ के खिलाफ कार्रवाई भी की गई.

सुरक्षा और नियमों का पालन विभाग की है प्राथमिकता

शहरी इलाके में चेकिंग टीम की अगुवाई करने वाले गिरीश गंगवाल का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी. यात्रियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कराए जाएंगे. जिन बसों में यात्री सफर कर रहे हैं, उन्हें आगे भेजे जाने के वैकल्पिक इंतजाम भी किया जा रहे हैं. उनके मुताबिक यात्रियों की सुरक्षा और नियमों का पालन विभाग की प्राथमिकता में है.

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