लखनऊ। उत्तर प्रदेश दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति के सभापति एवं सदस्य विधान परिषद डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उनसे आग्रह किया कि मध्य प्रदेश की तरह ही यूपी में भी बांस शिल्प विकास बोर्ड की स्थापना की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि बांस से निर्मित वस्तुओं के प्रयोग का चलन बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, नागालैंड, उड़ीसा व मिजोरम सहित कई राज्यों में बांस आधारित कलस्टर/ बोर्ड स्थापित किये गये हैं।
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डॉ. निर्मल ने यूपी में बांस के उपयोग को बढ़ाने और इससे जुड़े कामगारों का जीवन स्तर उठाने के लिए उत्तर प्रदेश में भी बांस शिल्प विकास बोर्ड गठित करने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया। डॉ. निर्मल ने कहा कि प्राचीन काल से शिल्प समाज के लिए बांस उपयोगी रहा है। बांस से बनी हुई टोकरियों का फलों, सब्जियों व अन्य सामान रखने के लिए उपयोग होता है। साथ ही बांस से बांसुरी, खिलौने और घर की सजावट की चीजें बनायी जाती हैं। इनके निर्माण और बिक्री से भारत की ग्रामीण व शहरी अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।
समाज में बांस से निर्मित सामानों की उपयोगिता को ध्यान में रखकर शिल्प समाज बांस की टोकरियों समेत अन्य सामानों का उत्पादन कर रहा है। मौजूदा परिवेश में बांस से कागज बनाया जा रहा है और उसी कागज से प्लेट, ग्लास, लिफाफे, कैरी बैग का निर्माण हो रहा है। इसके लिए जरूरी है कि सरकार बांस से बनी हुई चीजों को चलन में लाने के लिए प्रोमोट करे। इससे बांस शिल्प समाज के लोगों को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। साथ ही प्लास्टिक का उपयोग रुकने से प्रदूषण पर भी नियंत्रण होगा। मुख्यमंत्री ने डॉ. निर्मल के प्रस्ताव पर कहा कि वे जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेंगे।
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