चुनाव आयोग आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है, जिसमें पूरे देश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की घोषणा की जा सकती है. बीजेपी लगातार पूरे देश में SIR लागू करने की वकालत कर रही है. वहीं विपक्ष इसको लेकर सवाल खड़े कर रहा है. इस बीच जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान सामने आया है.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘बिहार में SIR को लेकर कुछ चिंताएं और शिकायतें आई हैं. अभी यह साफ नहीं है कि SIR करने वालों को इससे फायदा होगा या नहीं. पहले बिहार चुनाव पूरा होने दें. उसके बाद ही हम देख पाएंगे कि SIR सच में फायदेमंद रहा है या नहीं. उसके बाद ही हम इसे देश के बाकी हिस्सों में लागू करने के बारे में सोच सकते हैं. चूंकि बिहार में नतीजे अभी तक जारी नहीं हुए हैं, इसलिए चुनाव आयोग को इसमें जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए.
देखते हैं बिहार में SIR से क्या फायदा होगा- सीएम उमर अब्दुल्ला
श्रीनगर में चल रहे विधानसभा सत्र में बोलते हुए, अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव आयोग को SIR को पूरे देश में लागू करने से पहले बिहार में इसके असर का अंदाज़ा लगाना चाहिए. उन्होंने कहा, बिहार के लोगों को पक्का नहीं है कि SIR से उन्हें फ़ायदा होगा या नहीं. चुनाव आयोग को राजनीतिक दबाव में काम करने के बजाय इंतजार करना चाहिए और इसके नतीजों का विश्लेषण करना चाहिए.
J&K पीपल्स कॉन्फ्रेंस के प्रेसिडेंट सज्जाद लोन के राज्यसभा चुनाव को NC और BJP के बीच ‘फिक्स्ड मैच’ कहने पर, J&K के CM उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘जो शुरू में चुनाव में हिस्सा लेने को भी तैयार नहीं था, उसे किसी भी चीज पर कमेंट क्यों करना चाहिए? पहले, उसे यह बताना चाहिए कि उसे BJP की मदद करने के लिए किस बात ने मजबूर किया. अगर वह मैच-फिक्सिंग रोकना चाहता था, तो कम से कम वह आकर अपना वोट तो डाल सकता था. हंदवाड़ा के लोगों ने उसे यहां चुप रहने और डबल रोल निभाने के लिए नहीं भेजा था. कम से कम वह खुलकर कहता है कि वह BJP के साथ है या नहीं. जब चुनाव का ऐलान हुआ, तो मैंने कहा था कि जो लोग हिस्सा नहीं लेते या वोट नहीं देते, वे सीधे BJP की मदद कर रहे हैं.
मेहराज मलिक ने जो किया उसके लिए PSA का इस्तेमाल क्यों?- CM अब्दुल्ला
AAP MLA मेहराज मलिक को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में लिए जाने पर J&K के CM उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मेहराज मलिक ने जो भी किया, वह PSA के लायक नहीं था. अगर उसने DC या किसी दूसरे अधिकारी को गाली दी, तो यह गाली है, लेकिन यह PSA के लायक नहीं है… हालांकि, अगर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई जरूरी है, तो स्पीकर कर सकते हैं… वह मामले को देखने के लिए एक डिसिप्लिनरी कमेटी बना सकते हैं. हालांकि, इस तरह से एक चुने हुए सदस्य के खिलाफ PSA का इस्तेमाल करना पूरी तरह से गलत है.’
बडगाम उपचुनाव पर J&K के CM उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘हम इस उपचुनाव को एक चुनौती के तौर पर ले रहे हैं और यह चुनौती बडगाम में वोटरों के बंटवारे की मुश्किलों से और बढ़ जाती है. यह अंदरूनी राजनीति के कुछ हिस्सों से भी बढ़ जाती है जो चल रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि बडगाम के लोग सही चुनाव करेंगे… मुझे यकीन है कि वे बिजली, सड़क, पानी, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कल्याणकारी योजनाओं और ट्रांसपोर्ट जैसे अपने रोजमर्रा के मुद्दों को लेकर चिंतित हैं.’
जम्मू और कश्मीर के पिछले डिलिमिटेशन की तुलना करते हुए, अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि पहले एक राजनीतिक पार्टी की मदद के लिए चुनाव क्षेत्रों का पुनर्गठन किया गया था. उन्होंने कहा, ‘हमें वह गलती नहीं दोहरानी चाहिए.’
मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर ‘धर्म के आधार पर राजनीति’0 करने और केंद्र सरकार में मुसलमानों को प्रतिनिधित्व से बाहर रखने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘ऐसे देश में जहां 15 परसेंट आबादी मुस्लिम कम्युनिटी की है, यह चिंता की बात है कि लोकसभा या राज्यसभा में BJP का एक भी मेंबर मुस्लिम नहीं है.’
अपनी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) को J-K में BJP का मेन पॉलिटिकल चैलेंजर बताते हुए, अब्दुल्ला ने कहा कि दूसरी पार्टियों के उलट, NC ‘सीक्रेट अरेंजमेंट’ नहीं करती है. उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस ने भी हाल के चुनावों में कैंडिडेट उतारने से परहेज किया था.
जम्मू-कश्मीर का स्टेट का दर्जा वापस मिलने में हो रही लंबी देरी पर निराशा जताते हुए, अब्दुल्ला ने कहा कि समय के साथ उम्मीदें कम होती जा रही हैं. उन्होंने कहा, पहले दिन से ही, मुझे स्टेट का दर्जा वापस मिलने की उम्मीद थी. हालांकि, जैसे-जैसे देरी हो रही है, वे उम्मीदें हर गुजरते दिन के साथ कम होती जा रही हैं.’
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