Mangal Gochar 2025: ग्रहों के सेनापति मंगल 27 अक्तूबर 2025 को दोपहर 02:43 मिनट पर तुला से निकलकर अपनी स्वयं राशि वृश्चिक में आ गया है. जब भी कोई ग्रह अपनी स्वराशि में गोचर करता है, तो उसका प्रभाव और भी कई गुना बढ़ जाता है.
वैदिक ज्योतिष में हर एक ग्रह का अपना स्वभाव और कारकत्व होता है, जो उसी के साथ फल प्रदान करता है. ज्योतिष में मंगल को उग्र ग्रह माना जाता है. यह साहस, ऊर्जा, उत्साह, रक्त, सेना और युद्ध का कारक ग्रह होता है. मंगल जुनून, महत्वाकांक्षा और दृढ़ता का प्रतीक ग्रह माना जाता है.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि मंगल अगले 41 दिनों तक वृश्चिक राशि में ही रहेंगे. इसके बाद यह वृश्चिक राशि को छोड़कर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. मंगल के राशि परिवर्तन का सभी राशि के जातकों पर प्रभाव पड़ेगा.
कुछ राशियों पर इस गोचर का शुभ, तो कुछ पर अशुभ प्रभाव होगा. जब नवग्रहों का पूजन किया जाता है, तब मंगल को दक्षिण दिशा में स्थापित किया जाता है. माना जाता है कि मंगल देव भूमि पुत्र हैं. ये पूर्व दिशा में उगता है और पश्चिम में अस्त होता है.
इसे भौम भी कहा जाता है. मंगल देव की पूजा से भूमि-भवन से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं. मंगल का रंग लाल है. इनका वाहन मेष यानी भेड़ है. यह गोचर शीघ्रता से परिणाम देने वाला साबित होगा और देश और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में गति आएगी.
मंगल को ज्योतिष शास्त्र में सेनापति माना गया है. मंगल समस्त साहसिक कार्य जैसे सेना, अग्निशमन सेवाएं, पुलिस आदि के साथ-साथ प्रशासनिक दक्षता का भी प्रतिनिधित्व करता है. मंगल अग्नि तत्व ग्रह होने के साथ-साथ एक उत्तेजनात्मक ग्रह भी है.
मंगल का प्रभाव युद्ध, भूमि, साहस, पराक्रम और बिजनेस पर भी होता है. साथ ही ये ग्रह वैवाहिक जीवन, भौतिक सुख-सुविधाओं और सफलता को भी प्रभावित करता है
आंदोलन, हिंसा, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बनेंगी!
मंगल की वजह से देश में आंदोलन, हिंसा, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है. हवाई या पानी से जुड़ी दुर्घटना होने की आशंका है. देश के कुछ हिस्सों में हवा के साथ बारिश रहेगी. भूकंप या अन्य तरह से प्राकृतिक आपदा आने की भी आशंका है. सेना और पुलिस विभाग से जुड़े बड़े मामले सामने आ सकते हैं.
जल सेना की ताकत बढ़ेगी. देश की कानून व्यवस्था भी मजबूत होगी. प्राकृतिक प्रकोप एवं रक्त से संबंधित बीमारियों को बढ़ावा देगी, संक्रमण बढ़ने के भी संकेत हैं. लाल वस्तुओं के भाव भी बढ़ेंगे. वर्तमान ग्रहों की स्थितियां मौसम में भी उतार-चढ़ाव लाएंगी. वृश्चिक राशि जल तत्व की राशि है. इसलिए नौसेना से जुड़े बड़े फैसले, विवाद या दुर्घटना होने की आशंका है.
पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद भी हो सकते हैं!
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि मंगल के चलते इस अवधि में सेना और पुलिस विभाग से जुड़े हादसे हो सकते हैं. इनसे जुड़ी घटनाएं या बड़े फैसले हो सकते हैं. सेना या सुरक्षा बलों को लेकर जनता में असंतुष्टि या गुस्सा रहेगा.
लोगों को अपने काम पूरा करने के लिए भागदौड़ अधिक करना पड़ेगी. राजनीतिक दलों में आपसी विवाद बढ़ेंगे. आरोप-प्रत्यारोप का क्रम जनवरी के पहले पखवाड़े तक चरम पर पहुंचता दिखेगा. साथ ही पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद भी हो सकते हैं.
लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाने से कटेगा संकट
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए. लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए. तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए. लाल कपड़ों का दान करें. मसूर की दाल का दान करें. शहद खाकर घर से निकलें. हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. मंगलवार को बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं.
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