PM मोदी ने ट्रंप के ‘गाजा में शांति प्रयासों’ का किया स्वागत, बोले- यह बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम

Peace in Gaza: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की चेतावनी के बाद आखिरकार हमास (Hamas) लंबे समय से कैद इजरायली बंधकों छोड़ने के लिए तैयार हो गया है। हमास ने ट्रंप के अल्टीमेटम के बाद सभी बड़ी शर्ते मान ली हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा “हमास स्थायी शांति के लिए तैयार है।” इस बीच भारत के पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) समेत दुनियाभर के तमाम नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रयासों की सराहना की है।

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पीएम मोदी (PM Modi) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के लिए हम राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम हैं। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा।’ इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप (President Trump) ने हमास (Hamas) को चेतावनी दी थी कि रविवार शाम 6 बजे तक हमास के साथ समझौता हो जाना चाहिए। अगर यह अंतिम समझौता नहीं हो पाता है, तो हमास के साथ ऐसा होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया होगा। इसके बाद हमास शांति समझौते (Peace Agreements) के लिए तैयार हो गया है।

हमास (Hamas) ने अपने एक बयान में गाजा में शांति (Peace in Gaza) के प्रस्ताव के कुछ हिस्सों का स्वागत किया है, जबकि उसे कुछ प्रावधानों पर अभी भी आपत्ति है। जिसके लिए गाजा समर्थित संगठन अतिरिक्त बातचीत करना चाहता है। हमास कहना है कि वे सभी 48 शेष इजरायली बंधकों को रिहा करने को तैयार है। स्थायी सीजफायर (Ceasefire) लागू होने के 72 घंटे के भीतर बंधकों को छोड़ा जाएगा। इसके बदले में 2,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी सुरक्षा बंदियों और मारे गए गाज़ा के नागरिकों के शवों को सौंपा जाएगा। इजरायल गाजा से पहले चरण में वापसी करेगा।

हालांकि, हमास (Hamas) की शर्त है कि बंधकों की रिहाई “आवश्यक जमीनी परिस्थितियों” के पूरा होने पर ही संभव होगी। इस बीच इजरायली राजनीतिक नेतृत्व ने सेना को गाजा सिटी पर कब्जा करने के अभियान को रोकने का आदेश दिया है। हमास-इजरायल सीजफायर (Hamas–Israel ceasefire) के बाद इजरायली सेना चरणबद्ध तरीके से गाजा हटेगी। इसके बदले में गाजा को इजरायल पर रॉकेट और अन्य हमले रोकने होंगे। सुरक्षा के मद्देनजर गाजा में अरब देशों, अमेरिका और नाटो देशों की बहुराष्ट्रीय फोर्स तैनात की जाएगी।

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