Bareilly Violence: बरेली में पिछले हफ़्ते शुक्रवार की नमाज़ के बाद भड़की हिंसा को लेकर यूपी की सियासत गरमाने लगी है। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में सपार्टी के 14 सांसदों और विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल बरेली का दौरा करने वाला था, लेकिन सपा डेलिगेशन को बरेली जाने से रोका गया है। इस बीच यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा डेलिगेशन को बरेली भेजने के फैसले को नौटंकी बताया है।
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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव का बरेली में प्रतिनिधिमंडल भेजना नौटंकी और बचकाना कदम है। सपा की पहचान मुस्लिम तुष्टिकरण की गंदी राजनीति से है। विधानसभा चुनाव 2027 में सपा की दुर्दशा और सफाया होना तय है। यूपी दंगा मुक्त, सुशासन व क़ानून व्यवस्था हमारी पहचान और उपलब्धि है। सपाइयों को यही रास नहीं आ रहा।’
सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव का बरेली में प्रतिनिधिमंडल भेजना नौटंकी और बचकाना कदम है। सपा की पहचान मुस्लिम तुष्टिकरण की गंदी राजनीति से है। विधानसभा चुनाव 2027 में सपा की दुर्दशा और सफाया होना तय है। यूपी दंगा मुक्त, सुशासन व क़ानून व्यवस्था हमारी पहचान और उपलब्धि है। सपाइयों को…
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) October 4, 2025
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रोके जाने पर क्या बोले सपा नेता?
सपा सांसद हरेंद्र सिंह मलिक और इकरा हसन शनिवार को बरेली के लिए रवाना हुए। इस दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस की ओर से रोके जाने पर सपा सांसद इकरा हसन ने कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि हमें किस क़ानून के तहत रोका जा रहा है। उत्तर प्रदेश में जंगलराज है और राज्य सरकार किसी भी संवैधानिक मूल्यों का पालन नहीं कर रही है। मैं एक जनप्रतिनिधि हूँ और लोगों का दर्द बाँटने बरेली जा रही थी, लेकिन हमें रोक दिया गया।” उन्होंने आगे कहा, “हम प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि वह हमारे साथ चले। हम कुछ भी छिपाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हमारा कोई एजेंडा नहीं है… पता नहीं यूपी सरकार अपनी कौन सी करतूत छुपाना चाहती है कि हमें बरेली नहीं जाने दे रही है…”
इससे पहले लखनऊ में पुलिस की ओर से रोके जाने पर विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने कहा, “हमें जाने से रोका जा रहा है… यह कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं था… उन्होंने (पुलिस ने) खुद ही कानून-व्यवस्था बिगाड़ दी है… वे पक्षपाती हो गए हैं। अगर दो समुदायों में झड़प होती, तो मैं मानता कि कोई गंभीर घटना घटी है…” उन्होंने आगे कहा, “जब हमने पुलिस से पूछा, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना के बाद बड़े पैमाने पर अन्याय हुआ। एक व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है और चार को गिरफ्तार किया जा रहा है… वह समुदाय डरा हुआ है… वे प्रशासन और पुलिस से डरे हुए हैं। उनका दूसरे समुदाय से कोई झगड़ा नहीं है।”
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