Papankusha Ekadashi 2025 Paran: पापांकुशा एकादशी का व्रत शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025 को है. इस व्रत के प्रभाव से भगवान विष्णु अपने भक्तों से सारे कष्ट हर लेते हैं और नरक की यातनाओं से मुक्ति देते हैं. इसलिए कहा जाता है कि, आश्विन मास के शुक्ल की इस एकादशी व्रत का फल ना सिर्फ जीवन में बल्कि मृत्यु के बाद भी भक्तों का कल्याण करता है.
पापांकुशा एकादशी व्रत भक्तों के जन्म-जन्मांतर के पापों को नाश करती है. इस दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा करने का विधान है. व्रत रख कर भक्त विधि-विधान से श्रीहरि की पूजा करते हैं और सभी नियमों का पालन करते हैं. लेकिन कोई भी व्रत तभी सफल और संपन्न माना जाता है, जब व्रत का पारण सही विधि और सही समय पर किया जाए. इसलिए यह जान लीजिए पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने वाले लोग कब, कैसे और किस समय करें व्रत का पारण (Ekadashi Vrat Paran).
पापांकुशा एकादशी व्रत पारण तिथि और समय
पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा. पारण के लिए सुबह 6 बजकर 23 मिनट से 8 बजकर 44 मिनट का समय रहेगा. इस समय के भीतर व्रत का पारण कर लें.
पारण में क्या खाएं- एकादशी व्रत के पारण में चावल, घी, शहद, सूखे मेवे और आंवला जैसी चीजें खा सकते हैं. आप भगवान को चढ़ाया प्रसाद खाकर भी अपना व्रत खोल सकते हैं.
कैसे करें पारण (Ekadashi Paran Vidhi)
एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है. 4 अक्टूबर को सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें और साफ कपड़े पहन लें. इसके बाद भगवान विष्णु का अभिषेक करें, फल-फूल अर्पित करें, मंत्र जाप करें और आरती के साथ पूजा का समापन करें. इसके बाद ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें और फिर व्रत का पारण कर सकते हैं.
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