Cough Syrup Deaths: आप अपने बच्चों को जो कफ सिरप दे रहे हैं, क्या वह जानलेवा हो सकता है. दरअसल राजस्थान में सीकर और भरतपुर के सरकारी अस्पतालों में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत सप्लाई की गई एक जेनेरिक खांसी की दवाई पीने के बाद 9 बच्चों की मौत हो गई. जिसके बाद ड्रग कंट्रोलर ने सिरप के यूज पर तत्काल रोक लगा दी है और आगे की जांच के लिए इसको लैब में भेजा गया है. इन मौतों के अलावा कई अन्य जगहों पर इस तरह के सिरप को पीने के बाद कुछ बच्चे बीमार हो गए थे. एक बार फिर कफ सिरप की क्वालिटी संदेह के घेरे में है. क्योंकि सरकारी अस्पतालों में बांटे गए इन सिरपों से बच्चों की जिंदगी खतरे में आ गई है.
यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह के मामले दर्ज किए गए हों. इससे पहले मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में भी छह बच्चों की मौत की खबरें निकलकर सामने आई थीं. फिलहाल राजस्थान सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट ने दवा के सेवन से 9 मौतें होने की खबर के बाद मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है. Dextromethorphan Hydrobromide Syrup IP 13.5 mg/5 ml नामक दवा के 20 से अधिक बैचों पर प्रतिबंध लगाया गया है और सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है. चलिए आपको बताते हैं कि कैसे सिरप जानलेवा हो सकते हैं और इससे सावधानी के लिए क्या करना चाहिए.
क्या है Dextromethorphan Hydrobromide Syrup?
इस सिरप की खोज 1950 के दशक के दौरान हुई थी और इसको कोडीन की आदत डालने वाली दवाओं का एक सुरक्षित विकल्प बताया गया था. यह एक तरह से खांस कम करने वाली दवा है, जिसको ज्यादातर सूखी खांसी के दौरान डॉक्टर देते हैं. इसका मुख्य काम है ब्रेन में खांसी पैदा करने वाले संकेतों को रोकना, जिससे मरीजों को इससे राहत मिले. इसको केमिकल प्रोसेसिंग करके तैयार किया जाता है, जिसमें डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड एक्टिव कंपाउंड के तौर पर होता है. इसको बच्चे आसानी से पी सकें इसके लिए ज्यादातर सिरप के तौर पर दिया जाता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) और US FDA की तरफ से यह कहा गया है कि 4 साल से कम उम्र के बच्चों को डेक्सट्रोमेथॉर्फन या इसी तरह के ओवर-द-काउंटर सिरप नहीं देना चाहिए. FDA की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि इस तरह के सिरप से सांस लेने की दिक्कत, नींद में ज्यादा दबाव, चक्कर, दौरे और यहां तक कि मौत का कारण बन सकता है. कई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि इसको 2 साल के बच्चों को नहीं देना चाहिए और 2 साल से 6 साल के बच्चों को सीमित मात्रा में देना चाहिए. इसके अलावा 6 साल से बड़े लोगों को भी इसको डॉक्टरों की निगरानी में ही यूज करना चाहिए. डॉक्टर बताते हैं कि अगर आपको पहले से ही लिवर, किडनी की समस्या या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्या है तो इसको यूज करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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