दुनिया बेशक लंबे समय से Gold में निवेश करती आ रही है, लेकिन दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे (Warren Buffett) की सोच इस मामले में एकदम हटकर रही है. वे इसे ‘फालतू’ और ‘नॉन-प्रोडक्टिव एसेट’ कहते रहे हैं. लेकिन हाल ही में उनके सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं के सपोर्ट में आए बयान ने हर किसी को हैरान दिया है. बफे ने सोने की सुरक्षित निवेश के रूप में भूमिका को स्वीकार किया है.
गोल्ड-सिल्वर जैसी धातुओं पर बफे के बदले हुए रुख के बाद रॉबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) ने कटाक्ष करते हुए एक ऐसा सवाल उठा दिया है, जिससे निवेशकों के बीच हड़कंप मच सकता है. बता दें कि ‘रिच डैड, पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी को कीमती धातुओं और क्रिप्टोकरेंसी के समर्थक माना जाता है. यहां जानिए उन्होंने क्या कहा.
जानिए कियोसाकी ने ऐसा क्या कहा?
कियोसाकी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि ‘अगर बफे जैसे दिग्गज अब गोल्ड और सिल्वर को प्रमोट कर रहे हैं, तो इसका क्या मतलब है? क्या मंदी आने वाली है? उन्होंने कहा कि बफे ने सालों तक मेरी तरह सोना-चांदी में निवेश करने वालों का मज़ाक उड़ाया, लेकिन अब उनके जैसे दिग्गज निवेशक भी सोना-चांदी की इतनी तारीफ़ कर रहे हैं, इसका मतलब है कि स्टॉक और बॉन्ड में जल्द ही गिरावट आ सकती है. हो सकता है कि अब बफे की बात मानने और कुछ सोना, चांदी, बिटकॉइन और इथेरियम खरीदने का समय आ गया हो.’
I WANT TO VOMIT: getting nauseus, listening to Buffet tout the virtues of gold and silver…. after he ridiculed gold and silver for years. That means the stock and bond market are about to crash. Depression ahead?
Even though Buffet shit on gold and silver investors like me…
— Robert Kiyosaki (@theRealKiyosaki) October 1, 2025
सिर्फ स्टॉक्स और बॉन्ड्स के भरोसे न रहें
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कियोसाकी का कहना है कि निवेशकों को अब सिर्फ स्टॉक्स और बॉन्ड्स के भरोसे नहीं चाहिए, बल्कि दूसरे ऑप्शंस में पैसा लगाना चाहिए. बदलते हालात में सोना, चांदी और बिटकॉइन न सिर्फ सुरक्षित निवेश विकल्प बन सकते हैं बल्कि संकट के समय में संपत्ति बचाने का अहम जरिया भी साबित होंगे. उनका कहना है कि निवेशकों को हमेशा संभावित मंदी के लिए तैयार रहना चाहिए. उनका कहना है कि ‘जब कागजी संपत्ति गिरती है तो कीमती धातुएं और क्रिप्टो सबसे सुरक्षित दांव होते हैं.
सोने को लेकर वॉरेन बफे की क्या रही है सोच?
बफे ने हमेशा से सोने में निवेश से दूरी बनाए रखी है. सोने के मामले में, बफे का तर्क बिल्कुल सीधा है. उनका मानना है कि “सोना कुछ भी पैदा नहीं करता.” वो सोने को ‘नॉन-प्रोडक्टिव एसेट’ मानते हैं. उनके अनुसार, आप इसे कितना भी समय तक अपने पास रखें, ये खुद से एक पैसा भी नहीं कमाएगा. ये न तो लाभांश (Dividend) देता है, न ही ब्याज और न ही किसी Production Process में इसका इस्तेमाल होता है. उन्होंने 1998 में यहां तक कहा था कि ‘सोना जमीन से निकालकर पिघलाया जाता है और फिर वापस जमीन में दबा दिया जाता है, इसका कोई असली उपयोग नहीं.
FAQs
Q1. वॉरेन बफे ने पहले गोल्ड को क्यों नकारा था?
क्योंकि उनका मानना था कि गोल्ड से कोई प्रोडक्टिव वैल्यू नहीं निकलती और ये डिविडेंड या प्रॉफिट नहीं देता.
Q2. अब उन्होंने गोल्ड पर राय क्यों बदली?
ग्लोबल इकोनॉमिक हालात, बॉन्ड मार्केट का दबाव और बढ़ती अनिश्चितता इसकी वजह मानी जा रही है.
Q3. कियोसाकी गोल्ड और क्रिप्टो की सलाह क्यों देते हैं?
वो मानते हैं कि जब फाइनेंशियल सिस्टम पर दबाव बढ़ता है, तब गोल्ड-सिल्वर और क्रिप्टो ही असली सेफ हेवन बनते हैं.
Q4. क्या सच में शेयर मार्केट Crash होगा?
किसी के लिए भी सही टाइमिंग बताना मुश्किल है, लेकिन मौजूदा हालात (हाई वैल्यूएशन, कर्ज का दबाव, जियोपॉलिटिकल टेंशन) रिस्क जरूर दिखा रहे हैं.
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