व्हाइट हाउस में मंगलवार (30 सितंबर, 2025) को ऐसी घटना घटी, जिसे देख वहां खड़े लोग ठहाके लगाकर हंसने लगे. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मीडिया को सम्बोधित कर रहे थे और दवाओं की कीमत कम करने के लिए फाइजर के साथ समझौते की घोषणा कर रहे थे.
इसी दौरान ट्रंप के पीछे खड़े स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर को अचानक छींक आ गई. हालांकि कैनेडी ने अपनी कोहनी पर धीरे से छींका, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति की नजर उन पर पड़ गई. ट्रंप, जो अपने पहले इंसुलिन की कीमतें कम करने के प्रयासों के बारे में बोल रहे थे, ने मजाक में कहा, ‘भगवान तुम्हारा भला करे, बॉबी. मुझे उम्मीद है कि मुझे कोविड नहीं हुआ होगा.’
ट्रंप की कमेंट पर अधिकारियों के चेहरे खिले
डोनाल्ड ट्रंप की इस टिप्पणी को सुन अधिकारियों की चेहरे पर मुस्कान आ गई. ट्रंप ने तुरंत फाइजर के CEO अल्बर्ट बौर्ला को सुझाव दिया कि उन्हें पैक्सलोविड लेना चाहिए, जिसका इस्तेमाल कोविड-19 के लक्षणों के इलाज में किया जाता है. राष्ट्रपति ने मजाक में कहा, ‘क्या आपके पास पैक्सलोविड नहीं है, मुझे तुरंत पैक्सलोविड दे दो.’
डोनाल्ड ट्रंप ने फाइजर दवाओं पर तीन साल के लिए टैरिफ में छूट दी है, यानी कंपनी को फिलहाल बढ़े हुए टैरिफ का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. इससे दवाओं की कीमतें कम रहेंगी और उसके आयात पर वित्तीय दबाव कम होगा.
.@SecKennedy: *Sneezes in the Oval Office*@POTUS: “God bless you Bobby. I hope I didn’t catch COVID just there.”
“Give me a Paxlovid immediately,” he says to the CEO of Pfizer. 🤣 pic.twitter.com/IbsJy9x3Gr
— Rapid Response 47 (@RapidResponse47) September 30, 2025
‘TrumpRx’ वेबसाइट पर बिकेंगी फाइजर की दवाएं
कंपनी ने ‘TrumpRx’ नामक एक नई वेबसाइट की शुरुआत की है, जहां लोग सीधे फाइजर दवाइयों की खरीदारी कर सकते हैं. इससे बिचौलियों से बचाव होगा और दवाइयां सस्ती हो जाएंगी. हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया कि वेबसाइट कैसे काम करेगी. पिछले हफ्ते, ट्रंप ने दवाइयों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो 1 अक्टूबर से लागू होगा. उन्होंने कहा कि ये टैरिफ अमेरिका में विनिर्माण संयंत्र बनाने वाली कंपनियों पर लागू नहीं होंगे.
इससे पहले, जुलाई में, ट्रंप ने 17 दवा कंपनियों को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया था कि वे अपनी दवाओं की कीमतें अन्य देशों में बेची जा रही कम कीमतों के बराबर करें. उन्होंने इस नीति को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन प्राइसिंग’ कहा था. 2024 में, अमेरिका लगभग 233 अरब डॉलर की दवाइयों और औषधीय उत्पादों का आयात करेगा.
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