सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी! वरुण-जाह्नवी का ‘धमाका’! परफेक्ट फैमिली ‘विकेंड वॉच’! रिव्यू

फिल्म: सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी

निर्देशक : शशांक खेतान

कलाकार : वरुण धवन, जाह्नवी कपूर

रेटिंग: 3.5*

Sunny Sanskari Ki Tulsi Kumari: शशांक खेतान का ‘कमर्शियल’ कमबैक: बॉक्स ऑफिस का इंतज़ार खत्म!निर्देशक शशांक खेतान ने अपनी पुरानी फॉर्म में लौटते हुए, ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ के साथ एक बार फिर पारिवारिक मनोरंजन का झंडा गाड़ दिया है. धर्मा प्रोडक्शंस की भव्यता और खेतान के मास अपील का यह मेल, इस फिल्म को एक ताजा और ऊर्जावान अनुभव बनाता है. यह सिर्फ एक रोमकॉम नहीं, यह आज के जटिल रिश्तों, दिल टूटने के दर्द और ‘एक्स’ से बदला लेने की मज़ेदार कोशिशों का एक हास्यपूर्ण दस्तावेज है.

प्लॉट का ‘फिल्मी’ ट्विस्ट: शादी के बीच ‘कबाब में हड्डी’!

कहानी का केंद्रीय विचार बहुत आकर्षक है. सनी (वरुण धवन) और तुलसी (जाह्नवी कपूर)—दो ऐसे एक्स-लवर्स जो एक ही वजह से दोस्त बनते हैं—अपने-अपने पुराने प्रेमियों, अनन्या (सान्या मल्होत्रा) और विक्रम (रोहित सराफ), की शादी को तोड़ना. खेतान का तेज़ और धारदार स्क्रीनप्ले आपको बांधे रखता है. यह कॉमेडी ऑफ एरर्स का एक शानदार उदाहरण है, जो ज़बरदस्त हँसी के साथ-साथ मॉडर्न लव की उलझनों को भी छूता है. एंटरटेनमेंट की खुराक भरपूर है!

एक्टिंग: केमिस्ट्री में ‘फुल मार्क्स’!

वरुण धवन – ‘वन-मैन आर्मी’: वरुण धवन ने ‘सनी’ के रोल में अभूतपूर्व एनर्जी दिखाई है. उनकी कॉमिक टाइमिंग इतनी सटीक है कि हर पंचलाइन पर तालियां बजती हैं. यह उनकी अब तक की सबसे बेदाग और कंप्लीट कमर्शियल परफॉर्मेंस है. वह पूरी फिल्म को अकेले संभालने की क्षमता रखते हैं.

जाह्नवी कपूर – ‘चार्मिंग’ प्रेजेंस

जाह्नवी कपूर का किरदार मासूमियत और तेज़-तर्रारी का सही मिश्रण है. वरुण के साथ उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री फिल्म का टर्निंग पॉइंट है—यह फ्रेश, विश्वसनीय और देखने में मज़ेदार है.

सपोर्टिंग कास्ट

सान्या, रोहित और मनीष पॉल अपनी जगह पर ठोस हैं. मनीष पॉल की एंट्री जहाँ-जहाँ होती है, वहाँ कॉमेडी का मीटर ऊपर चला जाता है.

संगीत और विजुअल्स: एक ‘शादी एंथम’!

फिल्म का म्यूजिक एल्बम पहले ही चार्टबस्टर बन चुका है. “बिजुरिया” और “पनवाड़ी” जैसे गाने सिनेमाघरों में दर्शकों को नाचने पर मजबूर कर रहे हैं. शशांक खेतान ने गानों को भव्यता के साथ पेश किया है. गणेश आचार्य की कोरियोग्राफी मास अपील को ध्यान में रखते हुए की गई है.

डायलॉग्स और ह्यूमर: ‘लॉजिकल’ और ‘रिलेटेबल’

शशांक खेतान और इशिता मोइत्रा के डायलॉग्स आज की युवा पीढ़ी को ध्यान में रखकर लिखे गए हैं—जो ट्रेंडी और तेज़ हैं. कॉमेडी ज़बरदस्त है, लेकिन संवेदनशील बनी रहती है. फिल्म की सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह आपको हँसाने के साथ-साथ भावनाओं के स्तर पर भी जोड़ती है.

पेस का ‘झटका’: सेकंड हाफ की ‘लंबाई’

अगर कहीं फिल्म थोड़ी लड़खड़ाती है, तो वह है प्री-क्लाइमेक्स का हिस्सा. इंटरवल के बाद कुछ देर के लिए फिल्म की तेज रफ्तार धीमी हो जाती है. यह सेक्शन थोड़ा लंबा महसूस होता है. अगर यहाँ एडिटिंग थोड़ी और कड़क होती, तो यह एक निर्बाध एंटरटेनमेंट पैकेज होती.

अंतिम फैसला: फैमिली एंटरटेनर ‘ब्लॉकबस्टर’!

‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ एक संपूर्ण, मज़ेदार और दिल को छू लेने वाली फैमिली एंटरटेनर है. यह फिल्म हँसी, रोमांस, ड्रामा और धमाकेदार म्यूजिक का एक परफेक्ट मिश्रण है. वरुण-जाह्नवी की नई और आकर्षक जोड़ी और शशांक खेतान का कुशल निर्देशन इसे इस साल की सबसे मनोरंजक फिल्मों में से एक बनाते हैं. इसे बड़े पर्दे पर देखना ज़रूरी है.

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