Navratri Visarjan 2025: नवरात्रि विसर्जन के दौरान माता रानी की सवारी क्या रहने वाली है? जानिए इसके बारे में

नवरात्रि पर मां का आगमन तो हाथी पर सवार होकर हुआ था. मगर अब भक्तों के मन में सवाल है कि मां किस सवारी पर प्रस्थान होकर जाएंगी. धार्मिक परंपरा के अनुसार हर साल मां के आगमन और प्रस्थान का वाहन अलग होता है.

नवरात्रि पर मां का आगमन तो हाथी पर सवार होकर हुआ था. मगर अब भक्तों के मन में सवाल है कि मां किस सवारी पर प्रस्थान होकर जाएंगी. धार्मिक परंपरा के अनुसार हर साल मां के आगमन और प्रस्थान का वाहन अलग होता है.

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक वाहन से ही आने वाले  साल का शुभ संकेत मिलता है. इसलिए मां दुर्गा कभी पालकी, घोड़े, हाथी या नाव पर सवार होकर जाती हैं. शास्त्रों में हर वाहन का अपना एक प्रतीकात्मक अर्थ होता है.

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक वाहन से ही आने वाले साल का शुभ संकेत मिलता है. इसलिए मां दुर्गा कभी पालकी, घोड़े, हाथी या नाव पर सवार होकर जाती हैं. शास्त्रों में हर वाहन का अपना एक प्रतीकात्मक अर्थ होता है.

अगर मां हाथी पर सवार होकर वापस जाती हैं तो यह जल और अन्न की समृद्धि का संकेत माना जाता है. वहीं, मां नाव पर सवार होकर लौटती हैं तो इसे शुभ माना जाता है. मगर इस सब के बावजूद मां का आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ बना रहता है.

अगर मां हाथी पर सवार होकर वापस जाती हैं तो यह जल और अन्न की समृद्धि का संकेत माना जाता है. वहीं, मां नाव पर सवार होकर लौटती हैं तो इसे शुभ माना जाता है. मगर इस सब के बावजूद मां का आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ बना रहता है.

इस साल मां मनुष्य की सवारी पालकी पर विराजमान होकर जाएंगी. मां का पालकी पर सवार होकर जाना शुभ होता है. इससे व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और  सामाजिक विकास के लिए भी लाभदायक है. इसलिए मां का पालकी पर जाना अति कल्याणकारी है.

इस साल मां मनुष्य की सवारी पालकी पर विराजमान होकर जाएंगी. मां का पालकी पर सवार होकर जाना शुभ होता है. इससे व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और सामाजिक विकास के लिए भी लाभदायक है. इसलिए मां का पालकी पर जाना अति कल्याणकारी है.

मां का प्रस्थान हमें यह संदेश देता है कि वे केवल कुछ दिनों के लिए हमारे बीच आती है. मगर मां दुर्गा की कृपा ही सबसे बड़ी शक्ति है, जो हर भक्त को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है. इसलिए उनका आशीर्वाद और शक्ति हमेशा हमारे साथ ही रहता है.

मां का प्रस्थान हमें यह संदेश देता है कि वे केवल कुछ दिनों के लिए हमारे बीच आती है. मगर मां दुर्गा की कृपा ही सबसे बड़ी शक्ति है, जो हर भक्त को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है. इसलिए उनका आशीर्वाद और शक्ति हमेशा हमारे साथ ही रहता है.

भक्तों को मां दुर्गा के वाहन को मार्गदर्शन की तरह समझाना चाहिए और मां को अगले बरस जल्दी आने की प्रार्थ करनी चाहिए. इसलिए भक्तजन विदाई के समय हमेशा यही कहते हैं,अगले बरस तू जल्दी आ, जय माता दी।”

भक्तों को मां दुर्गा के वाहन को मार्गदर्शन की तरह समझाना चाहिए और मां को अगले बरस जल्दी आने की प्रार्थ करनी चाहिए. इसलिए भक्तजन विदाई के समय हमेशा यही कहते हैं,अगले बरस तू जल्दी आ, जय माता दी।”

Published at : 01 Oct 2025 07:43 AM (IST)

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