एक साथ कैसे बंद हो जाता है पूरे शहर का इंटरनेट, 99% लोगों को नहीं पता इसके पीछे की टेक्नोलॉजी


Internet: आज की डिजिटल दुनिया में इंटरनेट हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है. कामकाज से लेकर शिक्षा, मनोरंजन से लेकर बैंकिंग तक हर चीज इंटरनेट पर निर्भर है. लेकिन आपने कई बार सुना या अनुभव किया होगा कि अचानक किसी पूरे शहर का इंटरनेट एक साथ बंद हो जाता है. आखिर ऐसा कैसे होता है और इसके पीछे कौन-सी तकनीक काम करती है आइए जानते हैं.

Internet नेटवर्क की रीढ़

इंटरनेट मुख्य रूप से फाइबर ऑप्टिक केबल्स के ज़रिए चलता है. ये केबलें ज़मीन के भीतर या समुद्र के नीचे बिछाई जाती हैं और लाखों-करोड़ों डेटा पैकेट्स को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाती हैं. जब किसी कारणवश ये केबल कट जाती हैं खराब हो जाती हैं या जानबूझकर इन्हें बंद किया जाता है, तो पूरे इलाके का इंटरनेट ठप पड़ सकता है.

इंटरनेट शटडाउन की तकनीक

सरकारें या नेटवर्क प्रदाता जब चाहें तो तकनीकी तौर पर इंटरनेट को बंद कर सकते हैं. इसके लिए इस्तेमाल होती है इंटरनेट शटडाउन टेक्नोलॉजी. इसमें दो प्रमुख तरीके अपनाए जाते हैं:

IP Blocking (आईपी ब्लॉकिंग): किसी खास वेबसाइट, ऐप या सर्विस का एक्सेस ब्लॉक कर दिया जाता है ताकि लोग उस तक न पहुंच सकें.

Kill Switch (किल स्विच): यह तकनीक पूरे नेटवर्क को एक साथ बंद कर देती है. टेलीकॉम कंपनियों के पास मौजूद कंट्रोल सिस्टम से सिग्नल काट दिए जाते हैं और तुरंत इंटरनेट काम करना बंद कर देता है.

क्यों किया जाता है इंटरनेट शटडाउन?

कई बार सरकारें कानून-व्यवस्था बनाए रखने या अफवाहों को रोकने के लिए पूरे शहर का इंटरनेट बंद कर देती हैं. उदाहरण के लिए, चुनाव, प्रदर्शन या किसी बड़े त्योहार के समय अफवाहों के फैलने का खतरा अधिक होता है. ऐसे में इंटरनेट शटडाउन को एक “सुरक्षा उपाय” के तौर पर लागू किया जाता है. दूसरी ओर, तकनीकी खराबी भी इंटरनेट बंद होने का बड़ा कारण है. जैसे किसी बड़े डेटा सेंटर में सर्वर डाउन होना, बिजली की समस्या, साइबर अटैक, या केबल कटने जैसी घटनाएं.

क्या होता है असर?

  • पूरे शहर का इंटरनेट बंद होने से सबसे ज्यादा असर आम लोगों की रोजमर्रा की ज़िंदगी पर पड़ता है.
  • ऑनलाइन पेमेंट रुक जाते हैं.
  • डिजिटल क्लास और वर्क फ्रॉम होम बाधित हो जाता है.
  • अस्पतालों और इमरजेंसी सेवाओं पर दबाव बढ़ जाता है.
  • व्यापार और कारोबार को बड़ा नुकसान होता है.

क्या है समाधान?

एक्सपर्ट्स के अनुसार, इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने के बजाय कंट्रोल्ड एक्सेस या आंशिक प्रतिबंध बेहतर विकल्प है. उदाहरण के लिए, केवल सोशल मीडिया ऐप्स को अस्थायी रूप से ब्लॉक करना ताकि अफवाहें न फैलें, लेकिन जरूरी सेवाएं चालू रहें. साथ ही, साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित रखने से तकनीकी खामियों की वजह से इंटरनेट बंद होने की घटनाएं काफी हद तक रोकी जा सकती हैं.

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