15 साल से छोटे हैं बच्चे तो अकेले नहीं जा सकते स्कूल, इस मुस्लिम देश ने लागू कर दिए नियम


अबू धाबी में छात्रों की सुरक्षा, अनुशासन और सुविधा पर ध्यान केंद्रित करते हुए परिवहन नीतियों में बदलाव किया गया है. यहां एकेडमिक ईयर 2025-26 के लिए फिर से स्कूल खुल रहे हैं. अबू धाबी के शिक्षा विभाग ने जो बदलाव किया है उसमें बच्चे को कौन स्कूल से ले जा सकता है, छात्र स्कूटर से स्कूल जा सकते हैं या नहीं इन तमाम चीजों का जिक्र है.

नए नियम के मुताबिक जो 9-12 कक्षा के छाओं को साइकिल से अकेले स्कूल आने की छूट रहेगी. इसमें साइकिल के अलावा स्कूटर या अन्य निजी वाहन से भी आने का जिक्र है, हालांकि कुछ शर्तें भी लगाई गई है. इसके लिए बच्चे के माता-पिता को एक सहमति पत्र पर पर हस्ताक्षर करना होगा. इसमें लिखा है कि बच्चा कितनी दूरी तय करेगा और स्कूल परिसर में आने के बाद ही छात्र की जिम्मेदारी स्कूल की होगी.

अगर कोई स्कूल अपने परिसर में बाइक या स्कूटर जैसे निजी वाहनों के इस्तेमाल की अनुमति देता है तो उसे ट्रैक और पार्किंग उपलब्ध कराना होगा. स्कूलों को यह भी नियंत्रित करने का अधिकार है कि परिसर में इनका इस्तेमाल कैसे और कहां किया जाए. इसमें बताया गया है कि जो छात्र अपने निजी वाहन से स्कूल आएंगे और रास्ते में कोई घटना घटती है तो उसके लिए स्कूल जिम्मेदारी नहीं होगा.

15 वर्ष से कम उम्र के छात्रों के लिए स्वतंत्र यात्रा की अनुमति नहीं है. इन छात्रों को या तो माता-पिता स्कूल छोड़ेंगे या उनकी ओर से नियुक्त गार्जियन. 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के बड़े भाई-बहन, छोटे भाई-बहनों (कक्षा 1 और उससे ऊपर) को ले जा सकते हैं, लेकिन ऐसा केवल तभी किया जा सकता है जब माता-पिता की ओर से हस्ताक्षरित सहमति पत्र उपलब्ध कराया जाए.

स्कूल बसें केवल छात्रों के परिवहन के लिए रिजर्व होंगी. पिक-अप पॉइंट से लेकर आखिरी ड्रॉप-ऑफ पॉइंट तक पहुंचने के लिए स्कूल बसों को 1 घंटे का समय दिया गया है. 11 साल से कम उम्र के छात्रों को ले जाने वाली हर बस में ड्राइवर के अलावा एक रजिस्टर्ड सुपरवाइजर भी होना चाहिए. ड्राइवर और सुपरवाइजर दोनों के पास आईटीसी परमिट होना जरूरी है.

अबू धाबी की सरकार की ओर से एक ऐप डिजाइन किया गया है, जिससे स्कूल जाते समय माता-पिता अपने बच्चों पर निगरानी रख सकते हैं. इसे स्कूल बस सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. इससे स्कूल बस को ट्रैक किया जा सकता है. इससे पिक-अप और ड्रॉप-ऑफ प्वाइंट की लाइव लोकेशन का पता चलता रहेगा.

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