महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि शिवसेना का परंपरागत दशहरा रैली इस साल होगा, लेकिन विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, उन क्षेत्रों के शिवसैनिकों को मुंबई न आकर किसानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. हमें शक्ति प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं है. जनता ने ही हमें विजयी बनाया है. अब हमारी शक्ति किसानों की मदद के लिए इस्तेमाल होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों पर बड़ा संकट टूटा है और उनके आंसू पोंछना सरकार की जिम्मेदारी है.
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ”मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और मैंने खुद अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर किसानों की व्यथा जानी है. आने वाले दो-तीन दिनों में पंचनामे पूरे हो जाएंगे और नुकसान की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, उसके बाद मदद को लेकर ठोस निर्णय लिया जाएगा.”
‘नियम-शर्तें अलग रख किसानों को तुरंत राहत देना जरूरी’
उन्होंने आगे कहा, “मदद के लिए बने नियम-शर्तें अलग रखकर किसानों को तुरंत राहत देना आवश्यक है, ऐसा मंत्रिमंडल की बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ है.” शिंदे ने ये बात याद दिलाई कि पिछली सरकार ने भी मदद वितरण के समय नियम शिथिल किए थे.
आखिरी बाढ़ पीड़ित किसान तक मदद पहुंचाई जाएगी-शिंदे
शिंदे ने ये भी कहा, ”बाढ़ से जमीन बह गई है, पशुधन का बड़ा नुकसान हुआ है, जनहानि हुई है और कुछ स्थानों पर घर अब भी पानी में डूबे हुए हैं. ऐसे समय में शिवसेना बाढ़ग्रस्त किसानों को जीवन के लिए जरूरी 26 प्रकार की वस्तुओं के किट दे रही है और आखिरी किसान तक मदद पहुंचाई जाएगी.”
शिंदे का विपक्ष पर हमला
इस मौके पर डिप्टी सीएम शिंदे ने विपक्ष से अपील की है कि वे फोटो सेशन कर राजनीति न करें. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, ”बाढ़ की स्थिति में संक्रामक रोग न फैले, इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा हुई है. कोल्हापुर, चिपलूण में जिस प्रकार शिवसैनिकों ने बड़े पैमाने पर मदद कार्य किया था, उसी तरह इस बार स्वच्छता अभियान और स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर बाढ़ प्रभावितों का जीवन फिर से पटरी पर लाने के प्रयास शिवसेना की ओर से किए जाएंगे.’
आपदा और संकट में शिवसेना खड़ी-शिंदे
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने आगे कहा, “आपदा वहां शिवसेना, संकट वहां शिवसेना, यही हमारा सिद्धांत है. हम बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे के विचारों के अनुसार 80 प्रतिशत समाजकारण और 20 प्रतिशत राजकारण कर रहे हैं.”
दशहरा रैली के लिए मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे और एमएमआरडीए क्षेत्र के शिवसैनिकों को आमंत्रण है और इस बार यह मेलावा गोरेगांव के नेस्को मैदान में आयोजित होगा. उन्होंने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं को मेलावे के लिए न आकर किसानों की मदद को प्राथमिकता देने की अपील की.
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