उर्वशी रौतेला पहुंची ED ऑफिस, ऑनलाइन बेटिंग ऐप से जुड़े मामले में होगी पूछताछ

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) मंगलवार को ईडी ऑफिस (ED Office) पहुंची हैं। ऑनलाइन बेटिंग ऐप (Online Betting App) मामले में उनसे पूछताछ की जा रही है। उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) अवैध सट्टेबाजी ऐप 1xbet मामले की जांच में शामिल होने के लिए ईडी ऑफिस (ED Office)  पहुंची हैं।

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बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 14 सितंबर को रौतेला और टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती (TMC MP Mimi Chakrabarty) को ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म 1xBet की जांच के तहत समन जारी किया, जिसकी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जांच की जा रही है। सट्टेबाजी ऐप मामले में ईडी की कार्रवाई अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्मों और उनके सेलिब्रिटी प्रमोटरों पर व्यापक कार्रवाई का एक हिस्सा है, जिसमें पहले से ही कई हाई-प्रोफाइल नाम शामिल हैं। मामले के तहत, पूर्व क्रिकेटर शिखर धवन (Shikhar Dhawan) को एजेंसी ने तलब किया था और सुरेश रैना भी इसी मामले के संबंध में जांच निकाय के समक्ष पेश हुए थे। जांच एजेंसी ने पिछले कुछ हफ्तों में इस जांच के हिस्से के रूप में अभिनेता सोनू सूद, मिमी चक्रवर्ती और अंकुश हाजरा (बंगाली सिनेमा) के अलावा युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा जैसे क्रिकेटरों से भी पूछताछ की है।

रिपोर्टों के अनुसार, एजेंसी द्वारा जांच के हिस्से के रूप में धन शोधन विरोधी कानून के तहत कुछ खिलाड़ियों और अभिनेताओं की करोड़ों रुपये की संपत्ति कुर्क करने की भी उम्मीद है। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि पोर्टल 1xBet से संबंधित ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में ईडी की जांच में पाया गया कि इनमें से कुछ हस्तियों ने उन्हें दिए गए समर्थन शुल्क का उपयोग विभिन्न प्रकार की संपत्तियां हासिल करने के लिए किया। धन शोधन विरोधी कानून के तहत संपत्तियों को “अपराध की आय” के रूप में योग्य ठहराया गया था।

केंद्र सरकार ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग विधेयक, 2025 (Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025) के प्रचार और विनियमन के तहत वास्तविक धन वाले ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगा दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप बाजार का मूल्य 100 बिलियन डॉलर से अधिक है जो 30% की दर से बढ़ रहा है। बाजार विश्लेषण फर्मों और जांच एजेंसियों के अनुमान के अनुसार, ऐसे विभिन्न ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स में लगभग 22 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से आधे (लगभग 11 करोड़) नियमित उपयोगकर्ता हैं। सरकार ने हाल ही में संसद को बताया कि उसने ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों को अवरुद्ध करने के लिए 2022 से जून 2025 तक 1,524 आदेश जारी किए हैं।

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