RBI MPC Meet: रेपो रेट घटेगा या 5.5% पर रहेगा बरकरार? 1 अक्टूबर को होगा फैसला, जानिए कब और कहां देख सकेंगे लाइव – rbi october monetary policy committee mpc meeting repo rate decision october 1 2025 live stream details

RBI MPC Meet: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अक्टूबर महीने की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) मीटिंग का फैसला 1 अक्टूबर को सुबह 10 बजे घोषित किया जाएगा। गवर्नर संजय मल्होत्रा इसका ऐलान करेंगे। यह संबोधन RBI के यूट्यूब चैनल, X अकाउंट और आधिकारिक वेबसाइट पर लाइव देखा जा सकेगा। इसके बाद दोपहर 12 बजे एक विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी।

MPC कब से कब तक चली?

अक्टूबर की बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलेगी। इसमें छह सदस्यीय MPC ने ब्याज दरों, मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर चर्चा कर रहे हैं। यह FY26 की चौथी बैठक थी। आने वाली दो और बैठकें पहले से शेड्यूल की जा चुकी हैं: 3-5 दिसंबर, 2025 और 4-6 फरवरी, 2026।

ब्याज दरों का क्या हाल है?

RBI ने फरवरी 2025 में रेपो दर 25 बेसिस पॉइंट घटाई थी, अप्रैल 2025 में इसे और 25 bps कटकर 6 प्रतिशत किया गया। जून 2025 में बड़ी 50 bps की कटौती की गई और रेपो दर 5.5 प्रतिशत हो गई। अगस्त 2025 में रेपो दर 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखी गई और नजरिया न्यूट्रल रखा गया।

रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को पैसा उधार देता है। यह सीधे लोन EMI और बैंक डिपॉजिट रेट को प्रभावित करती है। इसलिए MPC के फैसले आम जनता और कंपनियों दोनों के लिए बेहद अहम माने जाते हैं।

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शेयर बाजार की प्रतिक्रिया

30 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार हल्के नीचे बंद हुए। निवेशक RBI की अक्टूबर नीति का इंतजार कर रहे थे। सेंसेक्स 100 पॉइंट गिरकर 80,263 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी50 25 पॉइंट नीचे जाकर 24,610 पर बंद हुआ। Moneycontrol के पोल में अधिकांश अर्थशास्त्री RBI से दरें स्थिर रखने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन SBI रिसर्च ने 25 bps की सावधानीपूर्वक कटौती का सुझाव दिया है।

रेट कट से क्या फायदा होगा?

अगर RBI दरें घटाता है, तो इसके तीन मुख्य फायदे हो सकते हैं। सबसे पहले, आम जनता और कंपनियों के लिए लोन सस्ता हो जाएगा। इससे ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा। दूसरे, बैंक पहले ही 10 प्रतिशत सालाना क्रेडिट ग्रोथ दर्ज कर रहे हैं, जो कटौती के बाद और तेज हो सकती है।

तीसरे, कम ब्याज दर के कारण सरकारी बॉन्ड की मांग मजबूत होगी और बॉन्ड मार्केट में रैली देखने को मिल सकती है। ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने कहा, ‘GST सुधार टैरिफ अस्थिरताओं को कम करेंगे, और आसान मौद्रिक नीति सप्लाई-चेन में भरोसा बढ़ा सकती है।’

RBI MPC की अहमियत

भारत की अर्थव्यवस्था अभी जटिल स्थिति में है। Q1 FY26 में GDP वृद्धि 7.8 प्रतिशत पर पहुंची, जो पिछले साल 6.5 प्रतिशत थी। सरकार की नई दो-स्लैब वाली GST (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) सितंबर के अंत में लागू हुई। इससे खपत बढ़ने की उम्मीद है।

वैश्विक स्तर पर, अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने 2025 में पहली बार 25 bps की कटौती की। वहीं, अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता जारी है और अमेरिकी टैरिफ का दबाव बना हुआ है। इन सब कारणों से MPC पर मुद्रास्फीति नियंत्रण, विकास बनाए रखने और बाहरी जोखिमों का संतुलन बनाए रखने का दबाव है।

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