Yellowstone Supervolcano: दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे खतरनाक ज्वालामुखी फटने की चेतावनी जारी हुई है. मॉडर्न इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इमेजिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) और येलोस्टोन वॉल्केनो ऑब्जर्वेटरी ने पता लगाया है कि ज्वालामुखी के आस-पास 4 से 11 किलोमीटर की गहराई वाले 4 विशाल मैग्मा बन गए हैं, जो कभी भी फट सकते हैं, क्योंकि यह मैग्मा हिंसक विस्फोट के लिए मशहूर रायोलाइटिक मैग्मा से बने हैं.
The Yellowstone Caldera, also known as the Yellowstone Supervolcano, is a volcanic caldera and supervolcano in Yellowstone National Park. pic.twitter.com/HOKX7OjVPb
—विज्ञापन—— Johnny (@j00ny369T) July 24, 2024
ज्वालामुखी फटा तो क्या होगा?
USGS, ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी और विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर चारों मैग्मा फटने से ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ तो शिकागो, सैन फ्रांसिस्को और पूर्वी कनाडा तक असर होगा. नॉर्थ अमेरिका ज्वालामुखी से निकलने वाली राख से ढक सकता है. धरती तक सूर्य की किरणें और तपन पहुंचने का रास्ता अवरुद्ध हो जाएगा. वैश्विक जलवायु आपदा का सामना करना पड़ सकता है और विस्फोट होने के बाद अगले 20 साल तक ग्लोबल कूलिंग को बढ़ावा मिल सकता है.
“Bubbling hot” in Yellowstone means you’re standing on one of the world’s largest supervolcanoes. Beneath you lies a magma system over 48 km wide vast enough in volume to rival several Mount Everests.pic.twitter.com/louKCLomiH
—विज्ञापन—— Massimo (@Rainmaker1973) July 21, 2025
कब हो सकता है विस्फोट?
वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि अगर येलोस्टोन के सुपरज्वालामुखी में विस्फोट हुआ तो यह भयंकर और विनाशकारी होगा. वहीं हालातों को देखते हुए अगले कुछ दशकों में विस्फोट होने की संभावना है. वहीं वैज्ञानिकों की ताजा रिसर्च चिंताजनक इसलिए है, क्योंकि इसी तरह के मैग्मा में विस्फोट होने से 13 लाख साल पहले येलोस्टोन बर्बाद हो गया था. बता दें कि येलोस्टोन ने वैज्ञानिकों का ध्यान इसलिए आकर्षित किया है, क्योंकि उथले रयोलाइटिक मैग्मा और गहरे बेसाल्टिक मैग्मा मिलकर जला देने वाली हीट छोड़ते हैं.
A tourist at Yellowstone National Park illegally/stupidly dips her hand into a hot spring.
Yellowstone is also an active geothermal area with hot springs emerging at ~92°C (~198°F) (the boiling point of water at Yellowstone’s mean altitude) and steam vents reported as high as… pic.twitter.com/fxYC3gj83b
— Fascinating (@fasc1nate) January 31, 2025
कितना खतरनाक होगा लावा?
USGS के ज्वालामुखी विज्ञानी लैरी मास्टिन ने चेतावनी दी है कि वैज्ञानिकों के अनुसार, येलोस्टोन ज्वालामुखी में विस्फोट होने से जो लावा निकलेगा, वह आस-पास की चट्टानों को पिघला देगा. पिछले 21 लाख वर्षों में येलोस्टोन ज्वालामुखी 3 बार फट चुका है. हर बार विस्फोट ने धरती का तापमान बदला है और जलवायु परिवर्तन किया है. अगर ज्वालामुखी महाविस्फोट होता है तो राख का विशाल गुबार कुछ ही मिनटों में आस-पास के 100 किलोमीटर तक के एरिया के कवर कर लेगा. आस-पास की जमीन बंजर हो जाएगी.
🇺🇸Seismic Activity in Yellowstone in August 2025
〰️🌋 In August 2025, 94 earthquakes were recorded in the Yellowstone supervolcano area, with the strongest reaching a magnitude of 3.7. These events were monitored by the Seismographic Network of the University of Utah, which is… pic.twitter.com/1NM13iRS0x
— Global Crisis (@_GlobalCrisis_) September 5, 2025
मौसम का पैटर्न बदल जाएगा
सल्फर डाइ-ऑक्साइड का उत्सर्जन होगा, जिससे सूर्य का प्रकाश और तपन का मार्ग अवरुद्ध होगा. कृषि क्षेत्र तबाह हो जाएंगे और जमीन बंजर हो जाएगी. मौसम का पैटर्न बदलने से पारिस्थितिक तंत्र के लिए संकट खड़ा हो जाएगा. येलोस्टोन ज्वालामुखी अभी भू-वैज्ञानिक रूप से एक्टिव है, जिस कारण अकसर येलोस्टोन के आस-पास भूकंपीय गतिविधियां होती हैं, लेकिन यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) और येलोस्टोन वॉल्केनो ऑब्जर्वेटरी के वैज्ञानिकों द्वारा अब इस ज्वालामुखी पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
A hydrothermal explosion sent a massive geyser and debris flying from Yellowstone’s Biscuit Basin, causing damage and temporarily shutting down the area.
No injuries were reported, and officials are still assessing the extent of the damage. pic.twitter.com/tsyHWMgJuS
— AccuWeather (@accuweather) July 23, 2024
येलोस्टोन है नेशनल पार्क
बता दें कि येलोस्टोन अमेरिका का एक नेशनल पार्क है, जिसके अंदर विशालकाय ज्वालामुखी कैल्डेरा है. इसके आस-पास व्योमिंग, मोंटाना और इडाहो राज्य बसे हैं. येलोस्टोन कैल्डेरा 55 किलोमीटर चौथा और 72 किलोमीटर गहराई वाला विशालकाय गड्ढा है, जो ज्वालामुखी विस्फोटों के परिणामस्वरूप बना है. येलोस्टोन धरती के उस हिस्से पर बना हॉटस्पॉट है, जहां धरती की मेंटल प्लेट से गर्म मैग्मा धरती की सतह तक आता है. पिछले 2.1 मिलियन वर्षों में येलोस्टोर में 3 बड़े विस्फोट हो चुके हैं, जिन्होंने वर्तमान कैल्डेरा को बनाया.
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