Navratri 2025 8th Day Puja: शारदीय नवरात्रि की महा अष्टमी पर आज जरूर पढ़ें मां महागौरी की कथा

शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में आठवां दिन मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा होती है. आज मंगलवार, 30 सितंबर 2025 को मां महागौरी की पूजा का दिन रहेगा. आज के दिन कई लोग कंजक पूजन और हवन भी करते हैं.

शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में आठवां दिन मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा होती है. आज मंगलवार, 30 सितंबर 2025 को मां महागौरी की पूजा का दिन रहेगा. आज के दिन कई लोग कंजक पूजन और हवन भी करते हैं.

देवी भागवत पुराण में मां महागौरी स्वरूप दिव्य और तेजवान है. इन्हें भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में पूजा जाता है. महागौरी की पूजा से उपासक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं मां महागौरी से जुड़ी कथा के बारे में.

देवी भागवत पुराण में मां महागौरी स्वरूप दिव्य और तेजवान है. इन्हें भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में पूजा जाता है. महागौरी की पूजा से उपासक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं मां महागौरी से जुड़ी कथा के बारे में.

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार हिमालय की पुत्री पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने का निश्चय कर लिया और इसके लिए कठोर तपस्या शुरू कर दी.

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार हिमालय की पुत्री पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने का निश्चय कर लिया और इसके लिए कठोर तपस्या शुरू कर दी.

पार्वती ने वर्षों तक तप किया. इस दौरान न भोजन ग्रहण किया और न जल पिया. पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान देने का वचन दिया.

पार्वती ने वर्षों तक तप किया. इस दौरान न भोजन ग्रहण किया और न जल पिया. पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान देने का वचन दिया.

वर्षों तक तपस्या करते-करते पार्वती का शरीर काला और कृश पड़ गया. तब भगवान शिव ने गंगा जी को आदेश दिया कि वे पार्वती का स्नान कराएं. पवित्र गंगा जल से स्नान करने के बाद पार्वती का शरीर गौरवर्ण हो गया और वो ‘महागौरी’ के नाम से प्रसिद्ध हुईं. e 7

वर्षों तक तपस्या करते-करते पार्वती का शरीर काला और कृश पड़ गया. तब भगवान शिव ने गंगा जी को आदेश दिया कि वे पार्वती का स्नान कराएं. पवित्र गंगा जल से स्नान करने के बाद पार्वती का शरीर गौरवर्ण हो गया और वो ‘महागौरी’ के नाम से प्रसिद्ध हुईं. e 7

ऐसी मान्यता है कि, अष्टमी के दिन जो भक्त इस कथा को श्रद्धा भाव से पढ़ता या सुनता है, उसके जीवन से अंधकार दूर होता है सभी मनोकामना की पूर्ति होती है.

ऐसी मान्यता है कि, अष्टमी के दिन जो भक्त इस कथा को श्रद्धा भाव से पढ़ता या सुनता है, उसके जीवन से अंधकार दूर होता है सभी मनोकामना की पूर्ति होती है.

Published at : 30 Sep 2025 04:38 AM (IST)

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