
एक रिपोर्ट के अनुसार, एक ब्रेन डेड इंसान अलग-अलग अंग दान करके नौ लोगों की जिंदगी को बचा सकता है. इसमें हार्ट, किडनी, लिवर, फेफड़े, पैंक्रियाज और आंखों का दान किया जा सकता है.

इसमें से सबसे ज्यादा जरूरी अंग लिवर और किडनी हैं. हर साल लाखों भारतीय इन अंगों के लिए इंतजार करते हैं कि कोई डोनर उनको मिल जाए, जिससे उनकी जिंदगी बन जाए. इन्हें दान करके किसी को मौत के मुंह से बचाया जा सकता है.

अगर बात करें कि ब्रेन डेड के बाद कौन सा समय अंगदान के लिए सबसे सही रहेगा, तो सबसे सही समय ब्रेन डेड होने के तुरंत बाद का है. डॉक्टर जांच करके पता लगा लेते हैं कि कौन सा अंग दान करने के लिए सही है.

इस पूरी प्रक्रिया में परिवार की सहमति की जरूरत होती है. अगर फैमिली राजी है, तभी डॉक्टर अंग निकालकर दूसरे जरूरतमंद इंसान को लगाते हैं.

इस तरह एक इंसान अंग दान करके कई लोगों की जिंदगी को बचा सकता है. यह सिर्फ अंगदान ही नहीं, बल्कि कॉर्निया डोनेशन से किसी को रोशनी भी मिल सकती है.

भारत में अंग दान को लेकर पिछले कुछ सालों में काफी जागरूकता आई है, हालांकि फिर भी अभी तक इसकी रफ्तार बाकी कई देशों की तुलना में काफी कम या धीमी है.
Published at : 29 Sep 2025 07:42 PM (IST)
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