आतंकवाद का गढ़, शांति का ढोंग: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के संयुक्त राष्ट्र में बोले गए झूठे का पर्दाफाश


पाकिस्तान के राष्ट्रपति शहबाज शरीफ ने शुक्रवार (26 सितंबर, 2025) को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 24 मिनट के अपने भाषण में 8 मिनट तक भारत के खिलाफ बोला. साथ ही अपने भाषण में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कई झूठे और भ्रामक दावे किए और संयुक्त राष्ट्र के हाल में मौजूद देशों के प्रतिनिधियों, राजनायिकों से लेकर विश्व को गुमराह किया. 

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दावा किया कि आतंकवाद पूरे विश्व के लिए खतरा है और पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा है. साथ ही शहबाज शरीफ ने ये भी दावा किया कि 90 हजार पाकिस्तानियों की मौत आतंकवाद से हुई है. 

आतंकियों को अपने देश में बसा रहा पाकिस्तान

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का ये दावा कितना झूठा है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि पाकिस्तान में 152 संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकी और आतंकी संगठन मौजूद हैं, जो पाकिस्तान की धरती पर से आतंकवाद का संचालन करते हैं. साथ ही खुद को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाले देश के रूप में प्रदर्शित करने के लिए शहबाज शरीफ ने महासभा में मौजूद प्रतिनिधियों से कहा, ‘अपने दिल पर हाथ रख कर बोलिए कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान और क्या कर सकता है?’ 

पाकिस्तान खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में तहरीक-ए-तालिबान के आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाकर उसी प्रांत में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन को बसा रहा है. साथ ही जिस संयुक्त राष्ट्र महासभा में शहबाज शरीफ पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने वाला देश बता रहे थे, उसी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के झंडे पाकिस्तान के गढ़ी हबीबुल्लाह शहर में 14 सितंबर को फहराये जा रहे थे,

पाकिस्तान तैयार करा रहा नए आतंकी कैंप

ओसामा बिन लादेन का पुलिस की सुरक्षा में महिमा मंडन किया जा रहा था और इसी खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में पाकिस्तानी सरकार की शह पर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन अपने नए आतंकी कैम्प तैयार कर रहे हैं. झूठ से भरे अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने दावा किया कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद से ना लड़ता तो आज आतंकी लंदन में घूम रहे होते.

दुनिया को गुमराह करने की अपनी नीति के तहत शहबाज शरीफ ने दावा किया कि भारत ने पहलगाम हमले का इस्तेमाल राजनैतिक लाभ के लिए किया और पाकिस्तान पर झूठे आरोप लगाये और अंतरराष्ट्रीय जांच के उसके प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया. 

मारे गए आतंकियों के पास पाकिस्तानी नागरिकता की आईडी

शहबाज शरीफ के ये दावे कितने झूठे है, इसकी सबसे बड़ी गवाही पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकी, जिन्हें ऑपरेशन महादेव में 28 जुलाई, 2025 को भारतीय सेना ने मार गिराया था, वो आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे. पहलगाम हमले में शामिल और भारतीय सेना की कार्रवाई में मारा गया आतंकी सुलेमान, जिसका असली नाम बिलाल अफजल था, वो पाकिस्तान के शेखपुरा जिले का रहने वाला था. 

इसी तरह दूसरा आतंकी हमजा अफगानी जिसका असली नाम हबीब खान था, वो PoK के रावलकोट का रहने वाला था. जिब्रान जिसका असली नाम साद हुसैन था, वो भी पाकिस्तान के पेशावर का रहने वाला था. ये कोई कोरे दावे नहीं, बल्कि आतंकियों के पास से मिले उनके पाकिस्तानी आईडी कार्ड थे, जो सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के फोन और अन्य तकनीकी माध्यम से बरामद किए हैं.

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान के झूठे दावे

24 मिनट के अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने विश्व को गुमराह करने के लिए ये भी दावा किया कि 7 मई से 10 मई तक भारत के साथ 4 दिन तक चले संघर्ष में पाकिस्तान ने भारत के 7 हवाई जहाज मार गिराए थे, लेकिन आज साढ़े 4 महीने के बाद भी पाकिस्तान 7 भारतीय वायुसेना के हवाई जहाज गिराने के दावे का एक सबूत नहीं दे पाया है. 

इतना ही नहीं, झूठ की हद तो तब हो गई, जब पाकिस्तान ने दावा कर दिया की पाकिस्तान संघर्ष के दौरान अच्छी स्थिति में था, लेकिन सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर उसने भारत के साथ सीजफायर का फैसला किया. जबकि पूरे संघर्ष के दौरान जहां भारत के एक भी एयरबेस को नुकसान नहीं हुआ था, वहीं पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह हो गए थे, जिसमें नूरखान एयरबेस , भोलरी एयरबेस, सुक्कुर एयरबेस , सरगोधा एयरबेस ,रहीमयार ख़ान बेस भी शामिल थे. 

आसिम मुनीर को मिला जीत का झूठा श्रेय

साथ ही भारत ने पाकिस्तानी वायुसेना के 6 प्लेन को गिराया था. झूठ और अफवाह से भरे अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने दावा किया कि आज पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती गलत सूचना और फेक न्यूज है. आंकड़ों पर तस्दीक करें तो भारत के खिलाफ 11 मई से लेकर आज तक पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI की तरफ से 309 से अधिक गलत सूचना कैंपेन और फेक न्यूज फैलाई जा चुकी है, जिसमें भारतीय एयरबेसों के नुकसान की फर्जी फोटोशॉप सैटेलाइट तस्वीरों से लेकर सेना के अधिकारियों की डीप फेक वीडियो तक शामिल है.

अपनी झूठी जीत का श्रेय पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने फील्ड मार्शल आसिम मुनीर और वायुसेना प्रमुख बाबर सिद्धू को दिया. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामित भी किया. झूठ से भरे अपने भाषण में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने दुनिया को गुमराह करने के लिए कहा कि वो कथित रूप से विश्व शांति के लिए भारत के साथ बातचीत करने को तैयार है. 

सिॆधु जल समझौते पर पाकिस्तान का विलाप

हालांकि यह पहला मौका नहीं है. भारत की ओर से सिंधु जल समझौते को रद्द करने और ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी सेना और आतंकियों के बेस को तबाह करने के बाद से ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री दुनिया के किसी भी देश में जाते हैं तो भारत के साथ बातचीत की भीख मांगते हैं. सिंधु जल समझौते पर भी पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र महासभा में वैसे विलाप किया, जैसा पाकिस्तान पिछले 4 महीने में कर रहा है. 

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने दावा किया कि भारत, पाकिस्तान का पानी रोकने के लिए सिंधु जल समझौते को नहीं मान रहा है. यह पानी करोड़ों पाकिस्तानी का अधिकार है और उसका पानी रोकना ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा. यह गीदड़ भरी धमकी पाकिस्तान ने भारत को उस समय दी है, जब वो 4 महीने पहले ही भारत के साथ 6 बार संघर्ष या युद्ध में हारा हो.

पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्र महासभा को गुमराह करने की साजिश

खुद को बेगुनाह और पीड़ित दिखाने के लिए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को गुमराह करने के लिए दावा किया कि पाकिस्तान में आतंकवाद विदेशी फंडिंग और विदेशी मदद से चल रहा है और TTP, BLA, मजीद बैरिगेड, ये सभी विदेश से ऑपरेट हो रही हैं.

हालांकि सच्चाई ये है कि जो आतंकी कमांडर गुल बहादुर आज तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के छद्म नाम इतिहाद उल मुजाहिद्दीन से पाकिस्तान में ऑपरेट कर रहा है, उस आतंकी गुल बहादुर को ट्रेनिंग पाकिस्तान की सेना ने बन्नू स्थित जैश ए मोहम्मद के कैम्प में अफगानिस्तान में जिहाद के लिए दी थी. 

आतंकियों को पाकिस्तान में मिल रही ट्रेनिंग

साथ ही TTP का संस्थापक सदस्य कारी हुसैन महसूद, जिसने सबसे पहले TTP के आतंकियों को सुसाइड बॉम्बर बनने की ट्रेनिंग दी थी, वो साल 2007 तक पाकिस्तान के प्रायोजित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का कमांडर था और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जैश के आतंकियों को फिदायीन हमले की ट्रेनिंग देता था. 

इसी तरह जैश ए मोहम्मद के बहावलपुर और बालाकोट स्थित ट्रेनिंग कैम्प का कमांडर अब्दुल जब्बार साल 2007 तक इन दोनों जैश के ट्रेनिंग कैम्प में आतंकियों को भारत में बम धमाके करने और आईईडी ब्लास्ट करने की ट्रेडिंग देता था, लेकिन साल 2007 में अब्दुल जब्बार भी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान से जुड़ गया. इसी तरह परवेज मुशर्रफ पर आतंकी हमला करने वाला मोहम्मद अदनान रशीद भी जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन का कमांडर था और इसकी ट्रेनिंग खुद ISI की देखरेख में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हुई थी.

तहरीक ए तालिबान को लेकर पाकिस्तान का दावा

संयुक्त राष्ट्र महासभा में शहबाज शरीफ ने दावा किया कि पाकिस्तान की धरती पर आतंकवाद के लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल किया जा रहा है और पाकिस्तान बीते कई महीने से दावा कर रहा है कि तहरीक ए तालिबान का प्रमुख अफगानिस्तान में छुपा है. 

वैसे एक तथ्य ये भी है कि आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान के अभी के प्रमुख नूर वाली महसूद की 90 के दशक में आतंक की ट्रेनिंग जैश ए मोहम्मद के बन्नू स्थित आतंकी कैम्प में हुई थी, जहां पर अफगानिस्तान में जिहाद के लिए आतंकियों को तैयार किया जाता था. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जब भाषण दे रहे थे, तब उनका फील्ड मार्शल आसिम मुनीर सामने बैठा था. 

हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तान का आपत्तिजनक बयान

शहबाज शरीफ ने झूठ से भरे अपने भाषण में कहा कि दुनिया में हेट स्पीच के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए, लेकिन शायद वो भूल गए कि पहलगाम आतंकी हमले से पहले खुद उनके फील्ड मार्शल आसिम मुनीर जो उस समय सेना प्रमुख थे, उसने हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे. गुमराह करने वाले अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने दावा किया कि किसी धर्म के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान खुद मुसलमानों के भीतर भेदभाव करता है. 

8 जून को बकरीद का त्योहार मनाने के जुर्म में पाकिस्तानी पुलिस ने लाहौर, कराची, रावलपिंडी से कुल 60 अहमदिया मुसलमानों को गिरफ्तार किया था और उनकी मस्जिद सीज की थी, जिसे सबसे पहले एबीपी न्यूज ने दिखाया था.

कश्मीर का राग अलाप रहा पाकिस्तान

भेदभाव का ज्ञान देने वाले शहबाज शरीफ के देश के कानून के मुताबिक, अहमदिया मुसलमानों को मुसलमान होने का हक नहीं है. कानून के तहत अहमदिया समुदाय को नमाज पढ़ने, इस्लामी अभिवादन ‘अस-सलाम-अलैकुम’ का प्रयोग करने, यहां तक कि खुद को मुसलमान कहने पर भी तीन साल तक की सजा हो सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है.

शहबाज शरीफ ने अपने बयान में हिंदुओं को भी टारगेट किया और कहा कि भारत की हिंदुत्व विचारधारा पूरे विश्व के लिए खतरा है. कश्मीर का राग अलापते हुए शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के साथ है और कश्मीर में जनमत संग्रह होना चाहिए. हालांकि पाकिस्तान की सरकार अपने कब्जे वाले कश्मीर की अवाम को आतंकवाद में झोंकने के बाद कश्मीरी अवाम का इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में कर रही है.

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