US Tariff: ‘भारत को धमकाने से…’, टैरिफ को लेकर रूस ने अमेरिका को दी वो चेतावनी, पढ़कर फिर जाएगा ट्रंप का माथा

भारत और चीन पर अमेरिकी टैरिफ मामले को लेकर रूस का बड़ा बयान आया है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने टैरिफ संबंधी बयानों को लेकर कहा है कि ये दोनों प्राचीन सभ्यताएं अमेरिकी अल्टीमेटम के आगे नहीं झुकेंगी.

रूस के मुख्य चैनल 1 टीवी के ‘द ग्रेट गेम’ कार्यक्रम में बोलते हुए सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूसी ऊर्जा खरीद को रोकने की अमेरिकी मांग केवल देशों को नए ऊर्जा बाजारों, नए संसाधनों की तलाश करने और अधिक भुगतान करने के लिए मजबूर कर रही है. रूसी विदेश मंत्री की यह टिप्पणी यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच भारत के मॉस्को से तेल खरीदने पर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा की गई कड़ी आलोचना के बाद आई है.

‘चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं’ 
लावरोव ने कहा, “चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं और उनके साथ इस भाषा का प्रयोग करना कि वो करना बंद करो जो मुझे पसंद नहीं है, या मैं तुम पर टैरिफ लगा दूंगा, यह काम नहीं करेगा.” उन्होंने वॉशिंगटन को आगाह किया कि उनके द्वारा चुने गए दृष्टिकोण से सिर्फ राजनीतिक विरोध पैदा हुआ है.

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने क्या कहा
अमेरिकी मांगों पर नई दिल्ली और बीजिंग की प्रतिक्रिया की ओर इशारा करते हुए लावरोव ने कहा कि इससे उन देशों की आर्थिक स्थिति तो ख़राब होती ही है, साथ ही उनके लिए गंभीर कठिनाइयां भी पैदा होती हैं, क्योंकि उन्हें नए बाज़ार तलाशने पड़ते हैं और ज़्यादा क़ीमतें चुकानी पड़ती हैं. इससे भी ज़्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दृष्टिकोण का नैतिक और राजनीतिक विरोध भी है.

भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू है
पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका एक अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की. कुछ दिनों बाद उन्होंने भारत को रूसी तेल के लगातार आयात का हवाला देते हुए 25 प्रतिशत और टैरिफ लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया. ये 50 प्रतिशत टैरिफ 27 अगस्त से लागू है.

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