Home Remedies: किसी व्यक्ति के जीवन में सबसे शांत और सुकून की जगह उसका घर होता है. मगर कभी-कभी किन्हीं कारणों से हमें घर के वातावरण में तनाव, उलझन और परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कुछ ऐसी आदतें जिसे हम रोजमर्रा के जीवन में करते है.
जैसे चीजों को संभालने का तरीका या घर के वातावरण में गंदगी फैलना यह सब घर में नकारात्मक ऊर्जा लाते हैं. ऐसी ही कई छोटी-छोटी बातें है, जिसे हम नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन वहीं बाते घर और परिवार के माहौल पर असर डालती है. चलिए जानते हैं कौन से है वह कारण और उन्हें कैसे रोका जा सकता है.
1. सुबह देर से उठना
सुबह सूरज के निकलने से पहले आप नहीं उठते तो यह दिनभर की स्फूर्ति और शक्ति कम हो जाती है. यह आदत आप के घर में आलस और अशांति को बढ़ावा देती है .
2. पानी का टपकना
घर के नल से अगर पानी टपक रहा है तो इससे पानी की बर्बादी तो हैं ही, साथ ही इसकी नमी, गंदगी और टपकने की आवाज से घर का माहौल असंतुलित होता है.
3. इलेक्ट्रॉनिक्स का खराब समान रखना
घर में इलेक्ट्रॉनिक की कोई भी खराब या टूटी चीज रखी हो तो इससे नकारात्मकता फैलती है. जिससे न केवल घर पर प्रभाव पड़ता है बल्कि मानसिक तनाव भी उत्पन्न होता है.
4. टूटे चप्पल और जूतों को घर में रखना
किसी भी तरह के टूटे चप्पल या जूते को घर में रखने से घर की साफ-सफाई बिगड़ती है और अशांति फैलती है. यह घर में आ रही सकारात्मक ऊर्जा को रोकता है और घर भारी लगने लगता है.
5. पूजा-पाठ न करना
घर में पूजा और दिया करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. अगर इसे नियमित रूप से न किया जाए तो घर में नकारात्मकता और तकलीफें बढ़ती हैं.
6. घर में धूल जम जाना
घर में कहीं पर भी धूल या गंदगी जामा है तो यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर असर डालता है और अव्यवस्थित बनाता है.
7. कपड़े बाहर छोड़ना या आटा गूंद कर रखना
कपड़ो के सूखने के बाद भी रातभर उसे बाहर छोड़ना या आटे की पिंड को रखना यह नकारात्मकता फैलाते हैं. ऐसी आदतें घर को अशांत और भारी बनाते हैं.
8. दरवाज़े और खिड़कियों से आवाज आना
घर की खिड़कियों और दरवाजों में से चर-चराने की आवाज व्यक्ति के मानसिक शांति को प्रभावित करती है और घर के वातावरण में अशांति लाती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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