CJI BR Gavai: चीफ जस्टिस बी आर गवई ने भगवान विष्णु को लेकर की गई टिप्पणी पर अपनी सफाई पेश की है. उन्होंने कहा है कि सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणी को गलत सन्दर्भ में पेश किया जा रहा है. ‘वो हर धर्म का सम्मान करते हैं.’
16 सितंबर को खजुराहो के जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फुट की खंडित मूर्ति को दोबारा पूरी तरह से स्थापित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए चीफ जस्टिस ने यह टिप्पणी की थी.
चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से कहा था कि ”अब आप भगवान से ही प्रार्थना कीजिए. आप कहते हैं कि आप भगवान विष्णु के परम भक्त हैं. वही आपकी सहायता कर सकते हैं’.
CJI की इस टिप्पणी के चलते उनकी सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है.
क्या है पूरा मामला?
सीजेआई का स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले मंगलवार को उनकी अगुवाई वाली पीठ ने मध्य प्रदेश में यूनेस्को की विश्व धरोहर खजुराहो मंदिर परिसर के एक हिस्से जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुनः स्थापित करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था और याचिकाकर्ता से कहा था कि वह “देवता से कुछ करने के लिए कहें.”
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मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा था कु, “यह पूरी तरह से प्रचार हित याचिका है. जाकर स्वयं भगवान विष्णु से कुछ करने के लिए कहो। अगर तुम कह रहे हो कि तुम भगवान विष्णु के प्रबल भक्त हो, तो तुम प्रार्थना करो और थोड़ा ध्यान करो”.
मुख्य न्यायाधीश ने साफ किया कि यह मामला पूरी तरह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकार क्षेत्र में आता है. उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता इस बीच शिव मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं.
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