एशिया कप के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच हुए क्रिकेट मैच के बाद पाकिस्तान में बड़ा बवाल मचा हुआ है. पाकिस्तानी हार को लेकर अपनी भड़ास भारत पर निकाल रहे हैं और आए दिन वहां से गलत बयान सुनने को मिलते रहते हैं. कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटर्स टीवी चैनल्स पर बैठकर बदतमीजी भी करते नजर आते हैं, जैसा पिछले दिनों मोहम्मद यूसुफ ने किया. उन्होंने इंडियन कैप्टन सूर्यकुमार यादव का नाम गलत तरीके से लिया. इस बयान पर एक पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि हमारी टीम में हर कोई इस्लाम का एक्सपर्ट बना हुआ है और इन्हें दूसरों को मुस्लिम बनाने का बड़ा शौक है.
पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा और लेखक और विश्लेषक शकील चौधरी इस मुद्दे पर बात कर रहे थे. कमर चीमा ने कहा, ‘पाकिस्तान क्रिकेट टीम के अंदर धर्मपरायणता बहुत है, हर खिलाड़ी ने दाढ़ी रखी हुई है. रखें उससे हमें कोई मसला नहीं है, लेकिन इंजमाम उल हक कहते थे कि हम ब्रायन लारा को कंवर्ट करने के चक्कर में मशरूफ रहते थे कि वो मुसलमान हो जाएं. बात ये है कि खिलाड़ियों को प्रोफेशनल होना चाहिए और अपने काम पर ध्यान दें और प्रोफेशनल लाइफ के अंदर मजहब को डालना, इस पर क्या कहा जाता सकता है.’
शकील चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान में कंवर्जन का शौक बहुत ज्यादा है, हम ये नहीं समझते कि धर्म हर किसी का ज्यादती मसला है और हम कभी ये नहीं समझते. उन्होंने कहा कि अगर आप किसी से धर्म पर बात करना भी चाहते हैं तो फिर दूसरे के भी विचार सुनिए कि धर्म को लेकर उनके क्या आइडिया हैं. शकील चौधरी ने कहा, ‘हमारे यहां तो इस्लामिक कानून इतना सख्त है कि इसने इस्लाम की तब्लीग का भी रास्ता बंद कर दिया है. अगर हम किसी ईसाई को तब्लीग करते हैं और उसके इस्लाम को लेकर कुछ सवाल हैं, वो जैसे ही जुबान से सवाल निकालेगा, आप उस पर ईशनिंदा का मुकदमा लगवा सकते हैं कि इसने मेरे धर्म की तौहीन की है.’
पाकिस्तानी टीम को कंवर्जन कराने का बड़ा शौक है, बोले पाक एक्सपर्ट
शकील चौधरी ने कहा कि ये जो मसला है कि आप खुलकर बात नहीं कर सकते तो इसकी वजह से आपने बाकी ऑप्शंस बिल्कुल बंद किए हुए हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सैकड़ों लोगों की ईशंनिदा की वजह से जिंदगी तबाह हो चुकी है. हमारे जो खिलाड़ी हैं. उनको कंवर्जन का जोश ओ खरोश है.
पाक एक्सपर्ट ने कहा- आपके पास क्या दूसरे धर्म की आलोचना करने का लाइसेंस है?
शकील चौधरी ने कहा कि खिलाड़ियों को सोचना चाहिए कि दूसरे की भी धार्मिक भावनाएं होती हैं, अगर इन्हें कोई कंवर्जन की दावत दे तो कि हिंदू हो जा आओ या ईसाई हो जाओ तो इन्हें कैसा लगेगा. अगर आपके धार्मिक सेंटीमेंट हर्ट होते हैं तो दूसरों के भी होते हैं. उन्होंने कहा कि हम ये समझते हैं कि हमारे पास दूसरों के धर्म की आलोचना करने का लाइसेंस है, लेकिन जब दूसरे करते हैं तो ये उसको ईशनिंदा कहते हैं और पाकिस्तान में ईशनिंदा की सजा बड़ी सख्त है.
शकील चौधरी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो तनाव बढ़ता जा रहा है, दुर्भाग्य से पाकिस्तान में इसकी जो असली जड़ है, उस पर आज तक कोई बात नहीं हुई है कि हालात यहां तक पहुंचे क्यों हैं, जिस पर बात होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि साल 1947 में दोनों तरफ कहा गया कि बंटवारे के बाद ये दो भाईयों की तरह रहेंगे, बहुत तरक्की करेंगे, लेकिन हम बिल्कुल उल्टे रास्ते पर चल पड़े हैं. एक-दूसरे की तबाही पर उतारू हैं.
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