अमेरिकी टेक दिग्गज ऐप्पल के सीईओ टिम कुक कभी यह कंपनी ज्वॉइन ही नहीं करना चाहते थे. 1998 में कुक उस समय पीसी बनाने वाली कंपनी Compaq में काम कर रहे थे. Compaq उस समय तेजी से ग्रोथ कर रही थी और ऐप्पल का प्रदर्शन खास नहीं था. उसी दौरान ऐप्पल की तरफ से कई बार टिम कुक को कंपनी ज्वॉइन करने का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उन्होंने हर बार मना कर दिया. इसके बाद ऐप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने टिम कुक से मुलाकात की और उसके बाद जो हुआ, वह पूरी दुनिया के सामने है.
ऐप्पल ज्वॉइन क्यों नहीं करना चाहते थे कुक?
1998 में कुक Compaq में बड़ी भूमिका निभा रहे थे और उनकी नौकरी अच्छी चल रही थी. दूसरी तरफ ऐप्पल को उस समय डूबता हुआ जहाज कहा जा रहा था. डेल के सीईओ माइकल डेल ने कहा था ऐप्पल को बंद होकर निवेशकों का पैसा लौटा देना चाहिए. ऐसे में कुक अपनी आरामदायक नौकरी छोड़कर ऐप्पल में आने के लिए तैयार नहीं थे.
5 मिनट की मुलाकात ने बदल दिया सबकुछ
कुक की तरफ से बार-बार प्रस्ताव रिजेक्ट होने के बाद खुद जॉब्स ने उनसे मुलाकात की. दोनों के बीच यह मुलाकात करीब 5 मिनट तक चली थी. कुक ने बताया कि वो यह इरादा करके गए थे कि वो ऐप्पल में नौकरी के लिए हामी नहीं भरेंगे, लेकिन जॉब्स के विजन ने उनका नजरिया बदल दिया. जॉब्स ने उन्हें फ्यूचर और मार्केट में आने वाले एक नए प्रकार के कंप्यूटर के बारे में बताया. जॉब्स की इन बातों से कुक पर गहरा असर हुआ और उन्होंने वहीं यह फैसला ले लिया कि वो ऐप्पल के साथ काम करेंगे.
दोस्तों ने कुक को बताया था मूर्ख
जब कुक ने Compaq छोड़कर ऐप्पल ज्वॉइन करने का फैसला लिया, तब उनके कई सहकर्मियों और दोस्तों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. उनके दोस्तों ने यह फैसला लेने के लिए कुक को मूर्ख तक करार दे दिया था, लेकिन उन्होंने इन सबको नजरअंदाज किया और आज दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक के सीईओ हैं.
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