अडाणी एंटरप्राइजेज के खिलाफ फेक और अपमानजनक कंटेंट बनाने वालों को MIB की नोटिस, वीडियो हटाने को कहा

अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक कंटेंट को हटाने का निर्देश देने वाले दिल्ली अदालत के आदेश का पालन करने में विफल रहने के लिए कई यूट्यूबर्स और डिजिटल समाचार प्रकाशकों को नोटिस जारी किया गया है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने ये नोटिस जारी किया है.

दिल्ली की रोहिणी कोर्ट के वरिष्ठ सिविल जज द्वारा 6 सितंबर को जारी किए गए इस आदेश में कई यूट्यूब चैनलों और इंस्टाग्राम हैंडल्स को 5 दिनों के भीतर आपत्तिजनक वीडियो, लेख और पोस्ट हटाने का निर्देश दिया गया है. हालांकि इसका पालन नहीं किया गया, जिसके बाद अब मंत्रालय को हस्तक्षेप करना पड़ा है.

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16 सितंबर को MIB ने औपचारिक रूप से 13 डिजिटल प्रकाशकों को नोटिस भेजा, जिसमें इस मामले में अदालत के आदेश पर कार्रवाई न करने में विफलता का जिक्र किया गया है. मंत्रालय ने सभी प्लेटफॉर्म और अकाउंट को 36 घंटे के भीतर कंटेंट को हटाने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. नोटिस के अनुसार 138 यूट्यूब लिंक और 83 इंस्टाग्राम पोस्ट की पहचान की गई है. इसके साथ ही एक चैनल को अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड से संबंधित 42 वीडियो हटाने का निर्देश दिया गया है.

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नोटिस में कहा गया है कि मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि दिए गए आदेश का निर्धारित समय-सीमा के भीतर अनुपालन नहीं किया गया है. ऐसे में आपको अनुपालन हेतु उचित कार्रवाई करने और इस सूचना के 36 घंटों के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है.

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आदेश में कई पत्रकारों, मीडिया संस्थानों और कई फ्रीलांसर कंटेंट क्रिएटर के नाम का उल्लेख किया गया है, जिन पर झूठी, भ्रामक या अपमानजनक जानकारी प्रकाशित करने का आरोप है. इसके खिलाफ अब सरकार ने भी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. MIB के आदेश की एक कॉपी गूगल और मेटा (फेसबुक) के साथ भी साझा की गई है, जिससे यूट्यूब और इंस्टाग्राम पोस्ट पर प्रतिबंध लगाया जा सके.

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