अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने संचार को लेकर एक अजीबोगरीब फैसला लिया है. तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के आदेश पर उत्तरी बल्ख प्रांत में फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट यानी वाई-फाई पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. सरकार ने इस फैसले के पीछे अनैतिकता को रोकने का उद्देश्य बताया है.
साल 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पलटने के बाद यह पहली बार है, जब तालिबान सरकार ने इस तरह का प्रतिबंध लागू किया है. तालिबानी सरकार के इस फैसले से उत्तरी बल्ख प्रांत में स्थित सरकारी कार्याल, निजी क्षेत्र, सार्वजनिक संस्थान और स्थानीय नागरिक के घर वाई-फाई इंटरनेट से वंचित हो गए हैं.
तालिबान सरकार ने फैसले को लेकर क्या दिया बयान?
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने मंगलवार (16 सितंबर, 2025) को कहा कि तालिबान नेता ने अनैतिकता को रोकने के लिए एक अफगान प्रांत में फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट (वाई-फाई) पर बैन लगा दिया है. हालांकि, मोबाइल इंटरनेट पर कोई असर नहीं होगा, यह अभी भी सक्रिय है.
जबकि प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता हाजी अताउल्लाह जैद ने कहा कि नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के पूर्व बैन के आदेश के चलते बल्ख में अब वाई-फाई की सुविधा को बैन किया गया है.
तालिबान सरकार विकसित करेगी वैकल्पिक व्यवस्था
प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता हाजी अताउल्लाह जैद ने बयान जारी कर कहा कि तालिबान के सर्वोच्च नेता ने अनैतिकता को रोकने के लिए उठाया गया है. इसके अलावा, जरूरतों की पूर्ति के लिए देश में हीं एक वैकल्पिक व्यवस्था विकसित की जाएगी.
हालांकि, उन्होंने इस संबंध में विस्तार से कोई जानकारी साझा नहीं की, न हीं उन्होंने इस बारे में कोई स्पष्ट रूप से यह बताया कि वाई-फाई पर बैन लगाने के लिए उत्तरी बल्ख प्रांत को ही क्यों चुना गया या उत्तरी बल्ख के बाद यह कार्रवाई अफगानिस्तान के अन्य प्रांतों में लागू की जाएगी.
कभी-कभी सुरक्षा कारणों से सस्पेंड किया जाता है नेटवर्क
उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में अधिकारी की ओर से कभी-कभी सुरक्षा कारणों के चलते, विशेष तौर पर धार्मिक त्योहारों के दौरान, किसी भी संभावित विस्फोटक गतिविधि को रोकने के लिए मोबाइल फोन नेटवर्क को सस्पेंड कर दिया जाता है.
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